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MP: जर्जर स्कूल, पेड़ के नीचे होती पढ़ाई, कलेक्टर बोले- अब होगी कार्रवाई

MP School Poor Condition: बारिश के समय स्कूल में छुट्टी कर दी जाती है.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना जिले का एक प्राथमिक स्कूल बदहाली का शिकार है. आलम ये है कि स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और किसी भी समय गिर सकती है. छात्र पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का भी आभाव है. बारिश के समय स्कूल में छुट्टी कर दी जाती है. वहीं इस मामले को लेकर कई बार शिकायत भी की गई है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

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स्कूल के टीचर ने क्या बताया?

बृजपुर संकुल के कुदरहा गांव के प्राथमिक स्कूल के टीचर राम बलि मिश्रा ने बताया, "यहां बरसात में छत भर जाती है और बैठने की जगह नहीं बचती. प्रशासन को हमने बता दिया है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. हमने बड़े अधिकारियों से भी बात की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां कुल 16 छात्र हैं, लेकिन वो भी नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं."

MP School Poor Condition: बारिश के समय स्कूल में छुट्टी कर दी जाती है.

स्कूल के छात्र पेड़ के नीचे बैठ के पढ़ते हुए

(फोटो: क्विंट हिंदी)

छात्रों के परिजनों का क्या कहना है?

स्कूल की बदहाली और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं. सपोरा बलि ने कहा, "अधिकारियों से हमने कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनता नहीं है. जब से ये स्कूल बना है, तबसे हमें यही हालत देखनी पड़ रही है. जब पानी बरसता है तो हम अपने बच्चों को घर वापस बुला लेते हैं."

क्या कहा पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने?

जब इस मामले में पन्ना कलेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें आप के माध्यम से जानकारी लगी है. निश्चित ही यह गंभीर मामला है. अगर वहां पर विद्यालय क्षतिग्रस्त है तो हम शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजेंगे और वहां जल्द ही नई बिल्डिंग बनाई जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि,

"हमारे अधिकारी वहां जाएंगे और स्कूल की मरम्मत के लिए जो भी धनराशि चाहिए वह दी जाएगी. अगर नया स्कूल बनाने की आवश्यकता होती है, तो उसके लिए भी उचित कार्रवाई की जाएगी."

वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष मीना राजे ने कहा, "हमने इसकी जानकारी प्राप्त की है और DPC से बात करके वहां पर उपलब्ध भवन में कक्षाएं स्थापित की जाएंगी. छात्रों को पेड़ के नीचे बैठाने की आवश्यकता नहीं होगी." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि अगर फंड आया था तो काम क्यों नहीं करवाया गया?

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