उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की किताब, Moving On, Moving Forward: A Year in Office के अनावरण के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी साथ बैठे नजर आए. दोनों की कुर्सी अगल-बगल थी. शुरुआत में कुछ असहजता जरूर दिखी लेकिन कार्यक्रम के आगे बढ़ने के साथ वो गायब भी हो गई.
तस्वीरों की अपनी भाषा होती है
पीएम मोदी ने किताब के अनावरण के वक्त अपने दायीं ओर देखा जहां मनमोहन सिंह खड़े थे. मोदी, तस्वीरों की भाषा और कैमरे के एंगल बखूबी समझते हैं. उन्हें लगा कि मनमोहन सिंह शायद क्लोजअप फ्रेम से छूट रहे होंगे. उन्होंने हाथ के इशारे से मनमोहन को करीब आने को कहा. ऐसा करते वक्त पीएम मोदी के चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान भी नजर आई. मनमोहन और मोदी अब एक फ्रेम में थे. कुछ सेकेंड कैमरों का फ्लैश चमकता रहा.
इसके बाद पीएम मोदी ने अपने बाईं ओर खड़े उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से हाथ मिलाया. अब पीएम को नायडू की किताब पर कुछ बोलने माइक तक जाना था. वो वहां के लिए बढ़ ही रहे थे कि मनमोहन ने अभिवादन की मुद्रा में हाथ आगे बढ़ाए जिन्हें पीएम मोदी ने गर्मजोशी से थाम लिया. 2 सेकेंड ये लम्हा रहा. जिसके बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने फिर हाथ जोड़कर अभिवादन किया जिसका पीएम मोदी ने उसी तरह जवाब दिया. कम ही होता है कि दोनों को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में एक साथ हिस्सेदारी करनी पड़ती हो और जब-जब ऐसा होता है, तस्वीरों के लिहाज से ये दिलचस्प जरूर हो जाता है.
क्या है उपराष्ट्रपति की किताब में?
वेंकैया नायडू ने किताब में बतौर उपराष्ट्रपति अपने एक साल के अनुभवों का जिक्र किया है. 245 पन्नों की इस किताब में कई तस्वीरें भी हैं. नायडू ने जिक्र किया है कि कैसे शुरुआती दो सत्रों में वो राज्यसभा के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे.
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