वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए. उनमें प्रमुख हैं-
- कॉरपोरेट टैक्स में 10 परसेंटेंज प्वाइंट्स तक की कमी
- मीनिमम अल्टरनेट टैक्स में 3.5 परसेंटेज प्वाइंट्स तक की कटौती
- पुराने बायबैक पर टैक्स नहीं देना होगा और
- लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स पर सरचार्ज नहीं लगेगा.
इन ऐलान का मतलब है कि मोदी सरकार ने पहली बार माना है कि विकास दर को पंख लगाना है तो प्राइवेट सेक्टर को मजबूत बनाना होगा. ताजा ऐलान उसी सिलसिले की एक कड़ी है. कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से अधिकांश कंपनियों को 4 से 10 परसेंट तक कम टैक्स देने होंगे. इसके बाद से अनुमान है कि प्राइवेट सेक्टर का निवेश, जो कई सालों से लगातार गिरता जा रहा है, तेजी से बढ़ेगा.
टैक्स में बचत के बाद कंपनियां खरीदारी बढ़ाने के लिए सामान के दाम में कटौती कर सकती है. इससे कंजप्शन को बड़ा बूस्ट मिलेगा. फेस्टिव सीजन से पहले कंजप्शन को बूस्ट देना बेहद जरूरी था.
तीसरी बड़ी बात कि, कंपनियों में छंटनी का सिलसिला थम सकता है. नई भर्तियों में भले ही थोड़ा समय लगे, लेकिन ताजा घोषणा के बाद छंटनी तो बंद होना चाहिए.
वित्त मंत्री के ऐलान के बाद शेयर बाजार ने तो एक महीना पहले ही दिवाली मना ली है. सेंसेक्स, निफ्टी और बैंक निफ्टी में 4 से 5 परसेंट की तेजी है. कुछ कंपनियों के शेयर तो 10-15 परसेंट तक बढ़े हैं. अगर तेजी का सिलसिला जारी रहता है और मार्केट के दिग्गज मानते हैं कि ऐसा ही होगा, तो इसका पॉजिटिव वेल्थ एफेक्ट होगा. कहने का मतलब ये कि जिनके एसेट्स की वैल्यू बढ़ेगी उनको अच्छा लगेगा और वो खर्च करने से परहेज नहीं करेंगे.
ताजा ऐलान से सरकारी खजाने को 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान का अनुमान है. लेकिन इसके बदले अर्थव्यस्था में तेजी आती है तो इसका फायदा सभी को होगा. और लंबे समय में सरकारी खजाने में रेवेन्यू भी बढ़ेगा.
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