कैमरा: अभिषेक रंजन/मुस्कान सिंह
वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
नोएडा के सेक्टर 120 स्थिति आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी एक दशक पहले बनी थी. लेकिन फ्लैट खरीदारों को 90% कीमत चुकाने के बाद भी अब तक पूरी तरह बना फ्लैट नहीं मिला.
आईटी प्रोफेशनल अखिलेश वर्मा पिछले 8 साल से अपने फ्लैट का इंतजार कर रहे थे, उनको उम्मीद थी कि उनका फ्लैट जल्द ही बन कर तैयार हो जाएगा. लेकिन बिल्डर इसको टालते रहे. लम्बे इंतजार के बाद अखिलेश ने अपने परिवार के साथ अधूरे फ्लैट में ही जाने का फैसला किया.
अखिलेश अपने लैपटॉप में गृह प्रवेश का वीडियो दिखाते हुए बताते हैं कि 'मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था'.
अखिलेश करीब 42,000 घर खरीदारों में से हैं जिन्होंने आम्रपाली जोडिएक की इस लेट-लतीफी के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला लिया.
कोर्ट भी सुनवाई कर रही है और कोई रास्ता निकालने की कोशिश में है. अखिलेश जैसे कई घर खरीदारों को देरी को लेकर कंपनसेशन मिलने की उम्मीद है.
मैं पूरी तरह डिप्रेशन में चला गया था, पजेशन की डेट दिसंबर 2012 है, जनवरी 2013 से 10 रुपये प्रति स्क्वायर फीट कीमत है, मेरा 13*25 स्क्वायर फीट है तो 13,250 रुपये प्रति महीने के हिसाब से मई 2019 तक 10 लाख 33 हजार रुपये बनता है.अखिलेश वर्मा, निवासी, आम्रपाली जोडियक
क्विंट ने आम्रपाली ग्रुप के वकील गौरव भाटिया को मेल भेजा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया.
घर में बिजली से लेकर नल कनेक्शन तक अखिलेश ने खुद हजारों रुपये अपने नए और अधूरे घर में लगा दिए, लेकिन अखिलेश की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अखिलेश अपने बेडरूम में फ्लोरिंग को लेकर निराश है. उनकी पत्नी को बालकनी की जंग खाती आयरन ग्रिल की चिंता है. उनका कहना है कि ये हमारे दो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है.
सिर्फ अखिलेश और उनकी पत्नी रीना ही नहीं हैं, जिन्होंने आम्रपाली के अधूरे बने फ्लैट में रहने का फैसला किया है. ऐसे कई लोग हैं जो अपने अधूरे बने घर को खुद पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.
इस स्टोरी को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए क्लिक करें: Exasperated, Amrapali Buyers Forced to Live in Incomplete Flats
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