किराया बढ़ाने की मांग को लेकर 22 अक्टूबर को दिल्ली में ओला-उबर के ड्राइवरों ने हड़ताल की. इन ड्राइवरों को ओला-उबर की नीतियों से शिकायत है. उनका कहना है कि रेट बढ़ने के बाद भी उनकी आमदनी नहीं बढ़ती. ओला-उबर जैसी कंपनियां सिर्फ और सिर्फ अपना फायदा देख रही हैं. क्विंट ने कैब ड्राइवरों से बात कर उनकी शिकायतें सुनी, साथ ही कैब यूजर्स की दिक्कतों को भी समझा.
ओला-उबर ड्राइवरों ने मुंबई में भी कंपनी के खिलाफ हड़ताल कर दी है. कैब ड्राइवरों की मांग है कि उन्हें 18-23 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से हर बुकिंग पर 100 से 150 रुपये का न्यूनतम किराया दिया जाए.
ड्राइवरों को कहना है कि-
हमारी पहली परेशानी रेट है. दूसरी जो दिक्कत आती है वो CNG के रेट की है. कंपनी के रेट में दिक्कत ये होती है कि कंपनी कस्टमर से 200-300 रुपये चार्ज करती है. उसमें उनका कहना है कि हम 30% काटते हैं जबकि वो 30 नहीं 60-70% के लगभग काटते हैं. और अगर गाड़ियां कम हैं तो आप देखते होंगे रेट बढ़ जाते हैं. रेट बढ़ जाते हैं लेकिन हमें 4 रुपये 5 रुपये हरेक किलोमीटर के हिसाब से मिलता हैहमें बढ़े हुए रेट नहीं मिलते.नीतीश, कैब ड्राइवर
करीब 30 कैब ड्राइवर ने दिल्ली में DDA ऑफिस के पास ITO का रास्ता जाम कर दिया था लिहाजा उन्हें हटाने और व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस वालों को आना पड़ा.
इस हड़ताल से जो लोग रोजाना कैब से यात्रा करते हैं उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यात्री बताते हैं कि उन्हें कई बार अपनी बुकिंग कैंसल करना पड़ रही है या आधे से एक घंटे तक का इन्तेजार करना पड़ रहा है.
मैं पिछले 25 मिनट से कैब का इंतजार कर रही हूं. और अभी तक मुझे कोई कन्फर्मेशन नहीं मिली है कि कैब आएगी या नहीं. मैंने ड्राइवर से कॉन्टैक्ट करने की भी कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.शुभांगी यात्री
मुंबई और हैदराबाद में भी हड़ताल का असर देखने को मिला है.
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