वीडियो एडिटर: विशाल कुमार/संदीप सुमन
पहलू खान का परिवार हर शुक्रवार और ईद पर उनकी कब्र पर जाता है.
1 अप्रैल 2017 को पहलू खान को कथित रूप से पशु तस्करी के शक में कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा. बाद में इलाज के दौरान पहलू खान ने दम तोड़ दिया. घटना के वक्त पहलू खान के दो बेटे आरिफ और इरशाद भी उनके साथ थे, उन्हें भी पीटा गया. हालांकि, लंबे इलाज के बाद पहलू खान के दोनों बेटों की जान बच गई.
पहलू खान की मौत के दो साल बाद 14 अगस्त 2019 को अलवर कोर्ट ने 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. इस केस में गौर करने वाली बात ये है कि घटना का वीडियो भी मौजूद था. वीडियो में साफ तौर पर उन लोगों के चेहरे देखे जा सकते थे, तो पहलू खान और उनके साथ मौजूद लोगों को बेरहमी से पीट रहे थे.
'डर के कारण ये फैसला आया'
पहलू खान के परिवार को लग रहा है कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है. उनका कहना है, ‘कोर्ट के इस फैसले से हमें धक्का लगा है, और क्यों न लगे? हम उन आरोपियों को सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं.’
उस घटना में पहलू खान के पड़ोसी अजमत और रफीक भी थे, जिन्हें भीड़ ने पशु तस्करी के शक में पीटा था. रफीक और अजमत को भी लगता है कि प्रशासन के दबाव में कोर्ट का ये फैसला आया क्योंकि सारे सबूत मौजूद थे.
'मीडिया रिपोर्ट मौजूद थी, जहां विपिन (आरोपी) ये बात बोल रहा है कि वो दो घंटे तक मार-पीट करता रहा, उसके पास दोनों ट्रकों की चाबी है'- अजमत
कुछ भी हुआ हो, लेकिन सबूत तो थे न, ये कैसा फैसला है कोर्ट का?अजमत खान, पहलू खान के पड़ोसी
पहलू खान के बेटे मुबारक खान का आरोप है कि आरोपियों का उस जगह काफी दबदबा है कोई भी हो वकील या मंत्री, चलती उनकी ही है.
जब वकील कोर्ट जाते थे तो उन लोगों ने वकील को भी धमकाया कि ‘कल से यहां (कोर्ट) में दिखना मत, कोर्ट के लोग भी डरे हुए रहते थे. डर की वजह से ये फैसला आया हैमुबारिक खान, पहलू खान के बेटे
यहां तक कि पहलू खान के पड़ोसियों पर पशु तस्करी का भी चार्ज लगा दिया गया. रफीक का कहना है कि उन्हें कोर्ट के इस फैसले से काफी दुख हुआ. वो इस बात से भी डरे हुए हैं कि उनपर पशु तस्करी का चार्ज लगा है.
पहलू खान का परिवार चाहता है कि उन्हें इंसाफ मिले, उनका कहना है कि अलवर कोर्ट ने उन्हें इंसाफ नहीं दिया लेकिन वो ऊपरी अदालत का दरवाजा जरूर खटखटाएंगे लेकिन, चुप नहीं रहेंगे.
अब ऊपरी अदालत में जाएंगे. अगर वहां भी इंसाफ नहीं मिला तो दूसरे कोर्ट में जाएंगे, बैठे नहीं रहेंगे. मेरे बच्चे तो ऐसे भी नहीं पल रहे हैं, वैसे भी ठीक से नहीं पलेंगे, लेकिन जब तक मेरे बच्चे जिंदा हैं, तब तक हम इस केस को लड़ते रहेंगे.जुबैना खान, पहलू खान की पत्नी
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