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नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए ये है पीएम मोदी का प्लान

मिजोरम पहुंचे PM मोदी ने किया तुइरियल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम का दौरा किया. यहां उन्होंने मिजोरम के आइजोल में तुइरियल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट का उद्धघाटन किया. अपने भाषण में उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को रेल मैप (नक्शे) पर लाने की लिए प्रतिबद्धता की बात कही. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, ‘भारत सरकार 47 हजार करोड़ की लागत वाली, 1385 किलोमीटर लंबाई वाली 15 रेल नई लाइनों का लागू करने जा रही है.'

उन्होंने कहा, "कनेक्टिविटी की कमी पूर्वोत्तर क्षेत्रों के विकास के पथ में बड़ी बाधाओं में से एक है." मोदी ने कहा कि मेरी सरकार आधारभूत सुविधाओं में निवेश के माध्यम से परिवहन द्वारा परिवर्तन करना चाहती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक्ट ईस्ट पॉलिसी को पूरी सक्रियता से निभा रही है.

दक्षिण पूर्व एशिया के लिए एक द्वार के रूप में, मिजोरम इससे बेहद लाभ उठा रहा है. यह म्यांमार और बांग्लादेश के व्यापार के लिए एक प्रमुख पॉइंट के रूप में उभर सकता है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
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उन्होंने कहा कि नए भारत का सपना सभी तक विकास पहुंचने के बाद साकार हो सकता है. केंद्र की योजना करीब 115 जिलों पर ध्यान केंद्रित करने की है, जो विभिन्न संकेतकों पर मूल्यांकन करते समय अपेक्षाकृत पिछड़े पाए जाते हैं. यह मिजोरम समेत पूर्वोत्तर राज्यों के पिछड़े जिलों को लाभ पहुंचाएगा. उन्होंने कहा, "सबका साथ सबका विकास की विचारधारा में जाति, लिंग, धर्म, स्तर का विचार किए बिना सभी भारतीयों के पास नई खुशहाली में भाग लेने के समान मौके हैं."

सामाजिक - आर्थिक विकास को बढ़ावा

मोदी मिजोरम में 60 मेगावाट टूएरियल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपीपी)का उद्धघाटन करने पहुंचे थे. उन्होंने इस परियोजना को लोगों को समर्पित करते हुए कहा कि यह राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी.

मिजोरम में टूएरियल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की पहली बड़ी सफल परियोजना है. मोदी ने कहा कि बिजली के अलावा जलाशय का पानी नेविगेशन के लिए नए रास्ते खोलेगा.

यह गांवों को जोड़ने में मदद प्रदान करेगा. यह जलाशय 45 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा जगह में फैला है. साथ ही इसे मत्स्य पालन के विकास के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं पर्यटन को बढ़ावा देगी और पीने के पानी की सप्लाई का एक सूत्र प्रदान करने को सुनिश्चित करेगी. उन्होंने कहा कि 1998 में परियोजना को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी लेकिन कई कारणों से इसमें देरी हुई. मोदी ने कहा, "इस परियोजना का पूरा होना पूर्वोत्तर क्षेत्रों में विकास के एक नया युग में प्रवेश करना और जारी परियोजना को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता है." प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए थे.

(इनपूट: IANS)

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