कड़कती धूप में नॉर्थ-दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से बाहर निकलते हुए तेज बहादुर यादव अपने आस-पास की जगह से दूर जाने का जोखिम नहीं ले सकते हैं. वह कहते हैं, 'आप जानते हैं मैं ऐसे ही कहीं भी नहीं जा सकता, इसमें खतरा है'
जवानों को खराब खाना दिए जाने का वीडियो जारी करने के 2 साल बाद, बर्खास्त किए गए BSF जवान तेज बहादुर यादव, पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. वीडियो में उनका कहना था कि जवानों को खराब खाना दिया जाता है और यादव ने ‘सेना में भ्रष्टाचार’ का भी आरोप लगाया था. लेकिन उनके लगाए आरोप झूठे पाए गए और उन्हें 2017 में BSF से डिसमिस कर दिया गया.
यादव कहते हैं कि 'मैंने पहले कभी राजनीति में आने का नहीं सोचा था, मैंने सेना में भ्रष्टाचार को एक्सपोज किया लेकिन पीएम मोदी ने कोई संज्ञान नहीं लिया.' कई प्रोटेस्ट करने के बाद यादव ने संसद जाने के फैसला किया ताकि वो आर्म्ड फोर्स में भ्रष्टाचार को सबके सामने ला पाएं.
कौन हैं तेज बहादुर यादव?
तेज बहादुर यादव ने साल 2017 में सेना में जवानों को कथित तौर पर मिलने वाले घटिया क्वालिटी के खाने को लेकर आवाज उठाई थी. तेज बहादुर ने सेना को मिलने वाले खाने को सोशल मीडिया के जरिए दिखाया था. इस वीडियो में उन्होंने फोर्स के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए थे. इसी वीडियो को लेकर तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए थे.
इस मामले पर काफी विवाद हुआ था. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया था. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था. तेज बहादुर मूल तौर पर हरियाणा में महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और फिलहाल रेवाड़ी में अपने परिवार के साथ रहते थे.
वाराणसी से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव?
पूरे देश में 543 लोकसभा सीट हैं, लेकिन 42 साल के तेज बहादुर की नजर वाराणसी की सीट पर टिकी, जिससे पीएम मोदी दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. यादव का कहना है कि, 'वाराणसी से चुनाव इसलिए लड़ रहा हूं, क्योंकि पीएम मोदी ने फौज पर राजनीति की.'
पीएम मोदी ने फौज पर राजनीति शुरू की, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. मैंने वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया है ताकि मैं उनसे सवाल पूछ सकूं कि उन्होंने फौज पर राजनीति क्यों की और फौज के लिए क्या किया है?तेज बहादुर यादव
‘नहीं पता था कि सरकार भ्रष्ट लोगों के साथ है’
यादव का कहना है कि मैंने वीडियो में फौज की परेशानियों के बारे में बताया था. यादव मानते हैं कि अगर उन्हें पता होता कि उन्हें वीडियो जारी करने के बाद बर्खास्त कर दिया जाएगा तो वो वीडियो कभी नहीं बनाते. उनका कहना है कि अगर उन्हें सरकार का रुख पहले पता होता कि सरकार भ्रष्टों के साथ हैं तो वो ये कदम नहीं उठाते.
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