‘’मैंने दो दिन पहले ही बैंक में पैसे जमा किए हैं और अब बैंक बंद है. मुझे 65,000 रुपये का चेक देना था, अभी मैं पैसे कहां से लाऊंगी?’’परमजीत कौर सचदेव, निवासी, सायन कोलीवाड़ा
परमजीत की तरह ही कई लोग 24 सितंबर से असहाय महसूस कर रहे हैं, जब से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक पर 6 महीने के लिए पाबंदियां लगाई हैं. शुरुआत में इस बैंक के खाताधारकों के लिए 1000 रुपये निकालने की सीमा तय की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया.
RBI ने PMC बैंक को कोई भी नया लोन ना देने के लिए भी कहा है. बता दें कि RBI बैंकों की हालत पर निगरानी रखता है और किसी बैंक की वित्तीय स्थिति चिंताजनक होने की हालत में ऐसे निर्देश जारी करता है.
RBI ने अपने नोटिफिकेशन में कहा था, ''रिजर्व बैंक के निर्देशों को इस (बैंक) के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. बैंक अगले नोटिस/निर्देशों तक बैंकिंग बिजनेस करना जारी रखेगा.''
पूर्व एमडी के खिलाफ होगी FIR?
पीएमसी बैंक मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पूर्व एमडी जॉय थॉमस के खिलाफ इकनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) में एफआईआर करने की तैयारी में हैं.
RBI प्रशासन ने द क्विंट को बताया कि जॉय थॉमस पीएमसी बैंक के एकमात्र सदस्य हैं, जिनको सीधे फ्रॉड केस में बुक किया जाएगा. एक बार जब जांच पूरी हो जाएगी, उसके बाद अगर और नाम आते हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
27 सितंबर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने स्वीकार किया था कि कोऑपोरेटिव बैंक ने HDIL को 2500 करोड़ रुपये का लोन 6 साल के लिए जारी किया था. उन्होंने ये भी माना कि कंपनी ने पिछले 3 साल से किश्तें देना बंद कर दीं और कथित तौर पर ये बात पीएमसी बैंक के बोर्ड के सदस्यों से छुपाई गईं.
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