बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरएसपी और मोदी सरकार में समाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि अगर RSS प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि देश में मॉब लिंचिंग नहीं हो रही तो मैं उससे समहत नहीं हूं.
मॉब लिंचिंग अंग्रेजी शब्द है, शायद इसलिए मोहन भागवत ने इसे विदेश से आया बता दिया लेकिन सच ये है कि देश में दलितों, मुसलमानों के साथ मॉब लिंचिंह हो रही हैरामदास अठावले, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री
8 अक्टूबर को नागपुर में संघ के सालाना समारोह में भागवत ने कहा था कि लिंचिंग एक विदेशी कॉन्सेप्ट है. मोहन भागवत ने कहा कि देश में हिंसा की घटनाएं न हों, इसलिए स्वयंसेवक कोशिश करते रहते हैं. इन घटनाओं से संघ के लोगों का कोई लेना-देना नहीं. 'लिंचिंग' कभी भारत की परंपरा नहीं रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए 'लिंचिंग' जैसे शब्द देकर सारे देश को और हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश होती रहती है
हमारे देश में क्या कभी लिंचिंग होता था, ये शब्द कहां से आया. कुछ छिटपुट समूह की घटनाएं हुई हैं, जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन ये हमारी परंपरा नहीं है, किसी दूसरे देश से आए शब्द का प्रयोग कर अपने देश को दुनिया में बदनाम किया जा रहा है. हमारे देश में ऐसी घटनाए नहीं होनी चाहिए. हमारे देश में इसके लिए कानून बना है और उसका सख्ती से पालन होना चाहिएमोहन भागवत, RSS प्रमुख
विपक्ष ने भी भागवत के बयान पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि संघ पहले ये बताए कि लिंचिंग का समर्थन करते हैं या निंदा.
जिस दिन मोहन भागवत जी एकजुटता का संदेश देकर उसका पालन करने लगेंगे, प्रेम एवं सदभाव तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रास्ता अपना लेंगे, उस दिन सारी समस्या समाप्त हो जाएगी, भीड़ हत्या खत्म हो जाएगी और नफरत भी समाप्त हो जाएगा, शिकायते भी नहीं रहेंगीदिग्विजय सिंह, कांग्रेस नेता
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी एक बयान में कहा है कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं को अंजाम लेने वाले लोग RSS की विचारधारा से आते हैं. सावंत ने कहा, ‘‘RSS का लिंचिंग से कोई लेना नहीं है, यह कहना वैसा ही झूठ है जैसे यह कहना झूठ है कि RSS एक सांस्कृतिक संगठन है, जातिवाद का विरोधी है, आरक्षण का समर्थक है और संविधान तथा तिरंगे का सम्मान करता है.
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