-हिंदू बेटी श्रद्धा के तुमने 35 टुकड़े क्यों किये पता है? क्यों कि अभी हिंदू मौन है.
-उसका अब्दुल सच में अलग था, उसे सूटकेस में गर्मी ना लगे इसलिए फ्रिज में रखा था
-मुझे श्रद्धा के लिए कोई सहानभूति नहीं है, दुःख है जिसकी लड़की बहन के 36 टुकड़े हुए. भगवान ऐसी लड़की किसी को न देना जो अपने मां और पिता जी का कहना न माने.
हिंदू मौन, अब्दुल, सूटकेस, फ्रिज, भगवान ऐसी लड़की किसी को न दे.. आप ये सारे शब्द देखिए.. इस पर बात करने से पहले आपको बता दें कि आफताब पूनावाला (Aftab Poonawala) नाम के शख्स पर आरोप है कि उसने 27 साल की श्रद्धा को मार डाला (Sharaddha Murder Case), उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, लेकिन अब कुछ लोग इंसानियत के टुकड़े कर रहे हैं.
श्रद्धा की मौत पर कोई मीम बना रहा है, कोई कटाक्ष वाले पोस्टर शेयर कर रहा है, कोई मौत में धर्म वाला एंगल ढूंढ़ कविता लिख रहा है, कोई मोरल पुलिसिंग कर रहा है, कोई सांप्रादयिक सियासत. सब अपना-अपना नफरती एजेंडा चला रहे हैं. इसलिए हम पूछ रहे हैं जनाब ऐसे कैसे?
श्रद्धा की हत्या कैसे हुई?
18 मई 2022 को आफताब अमीन पूनावाला ने दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक अपार्टमेंट में कथित तौर पर अपनी लिव-इन-पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शरीर के टुकड़े किए, शव के टुकड़ों को रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा. घर में शव की बदबू न फैले, इसलिए अगरबत्ती जलाई. फिर रात में निकलकर करीब एक महीने में 18 जगह शव के टुकड़े फेंक दिए. आखिरकार हत्या के 6 महीने बाद आरोपी आफताब पुलिस की गिरफ्त में है.
लेकिन नफरत आजाद है. वीभत्स और खौफनाक घटना पर भी कुछ लोग चुटकुले कह रहे हैं.
आप इन ट्वीट्स को देखिए
कपिल मिश्रा को इस मामले में 'लव जिहाद' का एंगल दिखता है.. मतलब मुसलमान नाम दिखा जिहाद दिख गया..
अरुण यादव और साधवी प्राची के ट्वीट देखिए
यहां अब्दुल शब्द मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया गया है. कई लोग पूछेंगे सूटकेस को लेकर ट्वीट क्यों हो रहा है. दरअसल, सूटकेस इसलिए क्योंकि कुछ ऐसे केस सामने आए थे जिसमें हत्या के बाद लड़का या लड़की का शव सूटकेस मिला था, इसमें से कुछ मामले interfaith marriage के भी थे. लेकिन ट्वीट करने वाले बड़ी धूर्तता के साथ नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे हैं कि हिंदू-मुसलमान के बीच शादी का मतलब हिंदू लड़कियों की हत्या और फिर सूटकेस में लाश मिलना.
अगस्त 2022 में गाजियाबाद में एक लड़की ने अपने कथित प्रेमी की हत्या कर दी. लड़की का नाम था प्रीति, और लड़के का फिरोज. प्रीति, फिरोज के शव को एक बड़े सूटेकेस में भरकर ले जा रही थी तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. दोनों गाजियाबाद में लिव-इन रिलेशनशिप में रहते थे. लेकिन क्या इसे धार्मिक एंगल देना सही होगा? नहीं.
आप ये ट्वीट देखिए
श्रद्धा की लाश को टुकड़े कर के अफताब ने फ्रिज में रखा था, लेकिन इन जनाब को इसमें भी पोस्टर बनाना था. मीम बनाना था. इनको our और their करना है. इन्हें श्रद्धा से मतलब नहीं है, समाज को our और their में बांटना मकसद है.
देवकी नंदन ठाकुर का ट्वीट देखिए
ये संत हैं, कह रहे हैं, "हिंदू बेटी श्रद्धा के तुमने 35 टुकड़े क्यों किये पता है ? क्यों कि अभी हिंदू मौन है...जागो हिन्दू जागो."
चलिए तो देवकी नंदन जी को कुछ अपराध की घटनाओं से भी मिलवाते हैं.
साल 2010 का अनुपमा गुलाटी हत्याकांड याद है? इंजीनियर राजेश गुलाटी ने 1999 में प्रेम विवाह किया था. पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद शव के 72 टुकड़े किए थे. पत्नी के शव को डीप फ्रिज में रखा था. जब शव बर्फ में जम गया तो स्टोन कटर मशीन से अनुपमा के टुकड़े करता और धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में फेंकता था.
दोनों का धर्म क्या था? क्या धर्म देखकर अपराध की प्रकृति तय करेंगे?
एक और केस देखिए,
उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में, साल 2018 में सविता ने अरुण के साथ मिलकर अपने पति चंद्रवीर की हत्या कर दी. पत्नी और उसके प्रेमी ने पहले चंद्रवीर को सिर में गोली मारी, फिर एक हाथ को कुल्हाड़ी से काट डाला, लाश को अरुण ने अपने घर में 6 फुट गहरा गड्ढा खोदकर दबा दिया. 4 साल बाद अब सच सामने आया है.
नफरती ट्विटरबाज इस अपराध पर क्या कहेंगे?
तेलंगाना के वारंगल में एक कुएं से 9 लोगों की लाश मिली थी. आरोपी संजय कुमार यादव ने 9 लोगों का मर्डर इसलिए किया ताकि यह पता न चल जाए कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड रफीका की हत्या की है. संजय ने प्रेमिका को खाने में नींद की गोली दी, बेहोश होने पर गला घोंटा और शव को ट्रेन से फेंक दिया. इसी तरह 9 और लोगों को सबूत मिटाने के लिए बोरे में बंद करके कुएं में फेंक दिया.
अंतर धार्मिक दोस्ती के लिए सोनाक्षी सिन्हा पर हमला
और तो और अब फिल्म एक्टर सोनाक्षी सिन्हा को ट्रोल किया जा रहा है. उनके पिता शत्रुघन सिन्हा से कहा जा रहा है कि बेटी को शादी में फ्रिज देंगे या सूटकेस. पता है ये सब क्यों कहा जा रहा है क्योंकि सोनाक्षी सिन्हा के एक दोस्त हैं, जुबैर. मतलब interfaith दोस्ती, शादी, रिश्ते हुए नहीं कि धर्म के ठेकेदार आहत हो गए. और फिर नफरत की उलटी करने लगे.
एक बात साफ है, ऐसे ट्वीट करने वालों को श्रद्धा की मौत का दुख नहीं है, बल्कि धर्म और महिलाओं की जिंदगी पर पाबंदी लगाने की कोशिश है. एक श्रद्धा नहीं, हर दिन patriarchy कई श्रद्धा का कत्ल कर रही है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध पर आंकड़े क्या कहते हैं
नेशनल कराइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, साल 2022 में दहेज को लेकर देशभर में 13,534 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 में दर्ज मामलों (10,046) की तुलना में 25% ज्यादा है. दहेज की वजह से हर 77 मिनट में पर एक हत्या हुई है. साल 2021 में दहेज हत्या के 6,589 मामले दर्ज किए गए, साल 2020 में दहेज हत्या के 6,843 मामले सामने आए थे.
भारत में 2021 में आत्महत्या से 45,026 महिलाओं की मौत हुई, मतलब लगभग हर 9 मिनट में एक की मौत. इन 45026 में आधे से ज्यादा यानी 23,178 – house wives थीं. 2021 में भारत में हर दिन औसतन 63 house wives की मौत आत्महत्या से हुई. साल 2022 में पति या रिश्तेदार द्वारा हिंसा के 1 लाख 36 हजार मामले दर्ज हुए थे.
एक बेहतर समाज के लिए हमें समझना होगा कि हत्यारे को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन असली मुद्दों से ध्यान भटका कर धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर भी लगाम लगाने की जरूरत है, नफरत को फैलने से रोकना होगा. श्रद्धा की हत्या हमारे समाज की कई गंदी तस्वीर सामने ले आई है. परिवार, दोस्ती, समाज, मेंटल कंडीशन, महिला सुरक्षा, इन मुद्दों पर गंभीर चर्चा और सख्त कानूनी एक्शन की जरूत है. ये नहीं होगा और नफरत फैलाई जाएगी तो हम पूछेंगे जनाब ऐसे कैसे?
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