वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं और स्टूडेंट्स घर में ही रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स कैसे इसका पूरा फायदा उठाएं? JEE मेन, JEE एडवांस्ड और NEET छात्रों को किन बातों पर ध्यान देना चाहिए? नौकरियां और प्लेसमेंट पर क्या होगा असर? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए क्विंट ने की सुपर 30 के को-फाउंडर आनंद कुमार से बात. आनंद ने बताया कि से COVID-19 लॉकडाउन का पूरा फायदा उठाकर छात्र पढ़ाई कर सकते हैं.
छात्र इस समय का फायदा कैसे उठाएं?
मैं जहां भी सेमिनार में जाता हूं और छात्रों से बात करता हूं, तो उनका यही कहना होता है कि वो दिन में स्कूल-कॉलेज जाते हैं और शाम ट्यूशन में जाता है. उनका कहना होता है कि उन्हें सेल्फ-स्टडी का बिल्कुल वक्त नहीं मिलता है. दोस्तों, प्रकृति ने आपको सेल्फ-स्टडी करने का मौका दिया है. क्या एक ही प्रॉब्लम को कई तरह से हल कर सकते हैं? क्या प्रॉब्लम को जनरलाइज्ड कर सकते हैं? ये सब सोचना का यही वक्त है.
JEE मेन और JEE एडवांस्ड के छात्रों के बारे में क्या?
हालात नॉर्मल होंगे और परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी, जैसे भी मुमकिन होगा, होंगी. आप ये सोचें कि ऐसे समय में भी आपको पूरी तरह तैयार रहना है. रिवीजन करते रहें. कई बार होता है कि छात्र परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं, लेकिन वक्त की कमी के कारण रिवीजन के लिए समय नहीं मिलता. आप बार-बार रिवाइज करें और जरूरी प्वॉाइंट्स को नोट कर लें. रिवीजन के दौरान, एक छोटा सा नोट्स बनाएं और उसे बार-बार पढ़ें.
क्या JEE एडवांस्ड की जगह, JEE मेन के आधार पर सलेक्ट होंगे स्टूडेंट्स?
इसपर चर्चा चल रही है कि क्या JEE मेन के आधार पर ही छात्रों को IIT के लिए सलेक्ट कर लिया जाएगा और JEE एडवांस्ड की जरूरत नहीं है. मेरा मानना है कि दोनों परीक्षाओं को आयोजन कराया जाना चाहिए. JEE मेन, कॉलेज और फिर IIT के लिए बड़े लेवल पर छात्र सलेक्ट करने की परीक्षा है. लेकिन IIT की अपनी गरिमा है, अपनी प्रतिष्ठा है. इसलिए मैं भी चाहता हूं कि वहां अच्छे बच्चे पहुंचें. इसमें भले वक्त लगे, लेकिन JEE मेन और JEE एडवांस्ड की परीक्षा अलग-अलग होनी चाहिए.
कैंपस प्लेसमेंट का क्या होगा?
ऐसा मुमकिन है कि 6 महीने या एक साल के लिए संकट रहे और इससे कैंपस प्लेसमेंट भी प्रभावित हों. लेकिन इतिहास गवाह है कि हमेशा मुश्किलों के बाद अच्छा समय आया है.
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