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‘खून क्या मुल्क के लिए जान भी हाजिर’- प्लाज्मा डोनेट करते जमाती

तब्लीगी जमात के प्लाज्मा डोनर ने क्विंट को बताया कि वो ऐसा इंसानियत के खातिर कर रहे हैं.

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम

कैमरा : डॉ. शोएब अली

एक ओर तबलीगी जमात के सदस्यों पर लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि, उनकी वजह से कोरोना संक्रमण देश में बढ़ा है. लेकिन अब वही तब्लीगी जमात के सदस्य लोगों की जान बचाने के लिए आगे आने को कह रहे हैं. तबलीगी जमात के वो सदस्य जो संक्रमण से ठीक हुए हैं, वो अब दूसरे कोरोना संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा दान करने को कह रहे हैं.

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दिल्ली के एक क्वॉरंटीन सेंटर में एडमिट इनायत, जो तमिलनाडु के रहने वाले हैं. कोरोना संक्रमित हो गए थे, फिलहाल वो ठीक हैं. उन्होंने द क्विंट को बताया कि, उन्होंने कोरोना रोगियों की मदद के लिए प्लाज्मा का दान किया है, ताकि जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, उनका इस प्लाज्मा से इलाज किया जा सके. 21 अप्रैल के बाद से, इनायत जैसे कई दूसरे जमाती भी अपना प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आए हैं.

झारखंड से आए हशमुद्दीन अंसारी कहते हैं,

‘‘इस्लाम और हमारे पैगंबर मोहम्मद हमें सिखाते हैं कि हमारे जीवन का एकमात्र उद्देश्य मानवता की मदद करना है. ये तो सिर्फ हमारा खून है, लेकिन हम अपने देश, अपने भाइयों और बाकी देशवासियों के लिए अपनी जान तक देने के लिए भी तैयार हैं. हम जो भी मदद देने के काबिल हैं, उसके लिए हम हमेशा तैयार रहेंगे. हम इसके लिए आज भी तैयार हैं.’’
हशमुद्दीन अंसारी, झारखंड 

जमात प्रमुख ने जमात सदस्यों से की थी अपील

तब्लीगी जमात के एक कार्यकर्ता ने द क्विंट को बताया कि, 21 अप्रैल को जमात प्रमुख मौलाना साद ने एक वॉयस नोट जारी कर तब्लीगी जमात के सदस्यों से अपील की थी कि, वे आगे आएं और मानवता के लिए अपने प्लाज्मा का दान करें.

उन्होंने कहा, ‘नरेला और सुल्तानपुर में क्वॉरंटीन फैसिलिटी में ऐसे कई जमाती हैं जो पहले कोरोना वायरस से संक्रमित थे लेकिन अब पूरी तरह से ठीक हो गए हैं. अब तक इन में से 90 लोगों ने प्लाज्मा दान दिया है.’

“इंशाल्लाह, यह प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट इस वायरस को न केवल भारत से, बल्कि पूरे विश्व से मिटा देगा.’’
एहतेशाम, भोपाल 

बता दें कि 28 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक बयान में कहा था कि, COVID-19 के लिए अभी तक कोई एप्रूव्ड थेरेपी नहीं है, चाहे प्लाज्मा थेरेपी ही क्यों न हो. प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग एक्सपेरिमेंट के तौर पर किया जा रहा है. हालांकि, इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि इसका उपयोग उपचार के रूप में किया जा सकता है.

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