वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
कोटक महिंद्रा बैंक के MD और CEO उदय कोटक के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी की ज्यादा मार कमजोर तबके पर पड़ी है. उन्होंने क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया के साथ बातचीत में कहा कि कमजोर कंपनियां और कमजोर हो रही हैं, मजबूत और मजबूत हो रही हैं. जिससे कमजोर और मजबूत के बीच खाई बढ़ रही है. उनका मानना है कि ऐसे में इस खाई को पाटने में सरकार की भूमिका बढ़ गई है.
उदय कोटक का कहना है कि फेस्टिव सीजन में सरकार को और मदद देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इकनॉमी में रिकवरी दिख रही है, लेकिन एयरलाइन, होटल, रेस्टोरेंट जैसे सेक्टर्स में अभी भी मंदी है.
बैंकिंग सेक्टर की हालत क्या है?
बैंकिंग सेक्टर को लेकर उदय कोटक ने कहा, 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर 'ब्याज पर ब्याज' के मामले में राहत सही है, मोरेटोरियम रिस्ट्रक्चरिंग से समस्या टलेगी, लेकिन खत्म नहीं होगी. उनका मानना है कि वित्तीय सेक्टर का दर्द बढ़ने वाला है.
क्या अब लंबे समय तक कम ग्रोथ रहेगी?
इस सवाल पर उदय कोटक ने कहा कि 2021-2022 की दूसरी तिमाही से सामान्य स्थिति हो सकती है. उनके मुताबिक, हेल्थ और मेडिकल सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा और पर्यावरण पर खर्च करने की जरूरत है. साथ में डिफेंस पर खर्च बढ़ाना होगा.
कोटक का ये भी कहना है कि भारत को इकनॉमी बूस्टर देने के लिए बदलाव चाहिए और बदलाव का वक्त अभी है. कोटक के मुताबिक कारोबार और कारोबारी कल्चर के लिए के लिए ROTI चाहिए. ROTI मतलब रिटर्न ऑन टाइम इन्वेस्टेड.
संसाधन जुटाने को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज ले या नोट छापे.
अमीर-गरीब की खाई न बढ़े, इसके लिए क्या करें?
उदय कोटक ने कहा कि सरकार एकाधिकार को रोके, यह चुनौती पूरी दुनिया में है. उन्होंने कहा कि ऐसे नियम न बनाएं, जिससे ग्राहकों को दिक्कत हो. उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों को पूंजी मिले, यह तय करना होगा.
क्या चीन से भाग रही कंपनियां भारत आ रही हैं?
इस सवाल के जवाब में कोटक महिंद्रा बैंक के MD और CEO ने कहा कि भारत में दुनियाभर की कंपनियों की रुचि है, उनका चीन की तुलना में भारत पर ज्यादा भरोसा है. उन्होंने कहा कि हमें वियतनाम जैसे छोटे देशों से भी मुकाबला करना होगा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर और आगे बढ़ाना होगा.
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