ये जो इंडिया है ना... यहां किसी भी बात को बार-बार कहने से वो देश या उत्तर प्रदेश का कानून नहीं बन जाता है. और फिर भी यूपी के शाहजहांपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों के सड़क पर नमाज पढ़ने पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा और उनसे उठक-बैठक करवाई. VHP के सदस्यों ने एक कानून का आविष्कार किया है - सार्वजनिक जगहों पर नमाज की इजाजत नहीं है. सीएम आदित्यनाथ के आदेश से. लेकिन ये सच नहीं है.
यूपी में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो कहता हो कि सार्वजनिक जगहों पर नमाज नहीं पढ़ सकते. तो फिर ये क्या हो रहा है? ये क्या है? ये है नफरत का डेली डोज.
सड़क पर कुछ मुसलमानों को पकड़ लो. उनपर कुछ आरोप लगाओ. जैसे सार्वजनिक जगह पर नमाज. गोवंश को ले जाना. हिंदू लड़की से दोस्ती करना.. दावा करो कि उन्होंने कानून तोड़ा है... जबकि इनमें से कोई भी गैरकानूनी नहीं है. उन्हें प्रताड़ित करो, उन्हें शर्मसार करो, उनका वीडियो बनाओ, वीडियो में उन्हें गालियां दो, उन्हें पीटो, वीडियो शेयर करो, बार-बार कहो कि तुम कानून तोड़ रहे हो, फिर पुलिस को बुलाने का ड्रामा करो, जो आती है, तमाशा देखती है, नफरतियों का कुछ नहीं करती, गालीबाजों को कुछ नहीं कहती, उल्टे मुसलमानों को मुजरिमों की तरह थाने को ले जाती है... वीडियो खत्म हो जाता है.
और क्या होता है जब ऐसे वीडियो वॉट्सऐप पर वायरल होते हैं. जो देखते हैं उन्हें वाकई लगता है कि मुसलमान कानून तोड़ रहे हैं. ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि ये बार-बार कहा जाता है कि और कोई उन्हें टोकता नहीं है. वीडियो में दिख रही पुलिस भी कुछ नहीं कहती. तो आम आदमी यही सोचता है कि वीडियो में जो कहा जा रहा है वो सच ही होगा. जरूर ऐसा कोई कानून होगा. उसे लगता है कि जरूर योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सार्वजनिक जगहों पर नमाज को गैरकानूनी बनाया है. उसे लगता है कि सार्वजनिक जगहों पर नमाज के लिए मुसलमान को जेल जाना ही चाहिए.
लेकिन जैसा कि मैंने बताया, ये सच नहीं है. न यूपी में और न देश में ऐसा कोई कानून नहीं है.
ऐसे शर्मनाक वीडियो आजकल रोज की बात हो गए हैं. हमें अक्सर ऐसे वीडियो दिख जाते हैं. इससे भी ज्यादा हिंसक वीडियो हम देख चुके हैं. इनका मकसद है कुछ लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना.
ये जो इंडिया है ना, यहां नफरती लोग, सुधरेंगे नहीं. जब तक कानून, जब तक पुलिस इन्हें चुप कराने के लिए सख्त एक्शन नहीं लेती. जब तक आम नागरिक इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक ये लोग नए-नए कानून और झूठ का इजाद करते रहेंगे और इनका इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के खिलाफ करते रहेंगे.
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