नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर और सीमापुरी समेत कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए हैं. अब तक हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई है, करीब 150 लोग घायल हो गए हैं. घायलों को गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, अस्पताल में एक के बाद एक मौत की खबर आ रही है. क्विंट हिंदी के शादाब मोइज़ी ने खुद GTB अस्पताल में घायल और पीड़ित परिवारों से बात की.
अस्पताल में भर्ती अबरार का दावा है कि वो प्रदर्शन में शामिल नहीं था लेकिन उसे रास्ते में 50-60 हिंदू समुदाय के लोगों ने घेर लिया और पीटने लगे.
मुझे सिया राम बोलने को कहा गया. कहने के बाद भी वो मुझे मारते रहे और जलाने की भी कोशिश की.
अबरार का कहना है कि फिर उसी के एक गांव के शख्स ने उसे पहचाना और जान बच सकी.
मौजपुर के रहने वाले अश्विनी के भाई दुर्गेश चौधरी को पेट में गोली लगी है. अश्विनी का कहना है कि उसके भाई को किसी ने गोली मार दी, हमलावर के बारे में कुछ पता नहीं चल सका कि वो लोग कौन थे.
नॉर्थ गोंडा के रहनेवाले मोहम्मद खालिद ने बताया कि वे घर में थे और शोर सुनकर बाहर निकले. उसी वक्त उनके भाई नासिर खान को किसी ने गोली मार दी. उन्होंने बताया नासिर दिल्ली सरकार में एलडीसी क्लर्क का काम करते हैं वह प्रोटेस्ट में शामिल नहीं थे. गोली लगने से उनकी आंख खराब हो गई है. खालिद का कहना है कि जब घटना हुई तो किसी पुलिस वाले ने उनकी मदद नहीं की.
बुरी तरह घायल अफजल और युसुफ ने बताया कि वो किसी से पैसे लेने के लिए गए थे और वापस घर आ रहे थे. लेकिन रास्ते में उसे पकड़ लिया गया, जब उनसे नाम पूछा गया तो युसुफ ने अपना नाम प्रमोद और अफजल का विनोद बताया. इसके बाद उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने को कहा गया. जब उन्होंने कहा उन्हें नहीं पता तो सभी लोग उसे रॉड से पीटने लगे. बाद में पुलिस ने उन्हें बचाया और गोकुलपुरी थाना छोड़ दिया गया. वहां से उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया.
गोली से घायल शाहरुख ने बताया वह दूध लाने के लिए निकला था लेकिन भगदड़ देखकर वह भागने लगा इसी दौरान उसके हाथ में गोली लग गई.
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