बिहार विधानसभा उपचुनाव के लिए तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीटों पर प्रचार थम गए हैं. एनडीए अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है तो आरजेडी भी कांग्रेस के साथ लड़े बिना भी दोनों सीटों पर जीत के दावे कर रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का दावा तो ये दो सीटें जीतकर सरकार बनाने का भी है. हालांकि बिहार विधानसभा में सीटों की अंकगणित में मुकेश सहनी का साथ मिले बिना तेजस्वी का सरकार बनाने का दावा कमजोर दिखाई पड़ता है.
बिहार विधानसभा उपचुनाव
क्विंट से खास बातचीत में बिहार सरकार के मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने कहा कि
तेजस्वी दिन में ही मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. हमारी एनडीए सरकार मजबूती से चल रही है और आगे भी चलती रहेगी. मुकेश सहनी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब महागठबंधन का कोई अस्तित्व नहीं रहा, वो टूट चुका है.
मुकेश सहनी ने तेजस्वी के गणित पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो हम दोनों (सहनी और मांझी) के भरोसे पर ही सरकार बनाने की सोच रहे हैं. लेकिन हम दोनों तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं. हमने तो कभी नहीं कहा कि हम तेजस्वी के साथ जा सकते हैं. महागठबंधन के पास 110 सीटें हैं, जिसमें से कांग्रेस की 19 सीटें बाहर कर दीजिए तो उनके पास 89 सीट (110-19 = 91) बचती है. अब कांग्रेस आए, VIP आए, HAM आए और RJD दो सीटें जीते, यानी कि तेजस्वी की सरकार बनाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ेगी. यहां तो पहले से ही बिना मेहनत किए सरकार चल रही है, तो किसी को किस बात पर आपत्ति?
मुकेश सहनी ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के लिए अभी 5 साल इंतजार करना पड़ेगा. सहनी ने दावा किया कि जब से एनडीए सरकार बनी है, तब से विपक्ष उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर कर रहा है. सहनी ने आरोप लगाया कि आरजेडी गठबंधन के सहयोगियों का सम्मान नहीं करती, उन्हें साथ लेकर नहीं चलती. जो अपने परिवार और बड़े भाई को संभाल कर नहीं चल पाएगा, वो बिहार की 12 करोड़ की जनता के साथ कैसे न्याय कर पाएगा.
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव से किसी तरह की बात होने के सवाल पर सहनी ने कहा कि उनसे तो बात होती ही है, हालांकि हाल-फिलहाल में कोई बात नहीं हुई है. अगर वो अभी भी फोन करेंगे तो हम सम्मान के साथ बात करेंगे. ऑफर के सवाल पर मुस्कुराते हुए सहनी बोले कि ये तो सबको पता है, इसमें क्या बताना. लालू यादव का फोन मेरे लिए आशीर्वाद होगा. मैं चाहता हूं कि जब भी उन्हें मेरी याद आए, मुझे मिलने के लिए बुलाएं, मैं मिलने चला जाऊंगा. लेकिन उनके साथ जाकर सरकार नहीं बनाएंगे.
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