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'ये विकास नहीं विनाश'-लक्षद्वीप के पूर्व प्रशासक वजाहत हबीबुल्लाह

क्विंट ने नए नियमों से होने वाले संभावित नुकसान को समझने के लिए लक्षद्वीप के पूर्व प्रशासक से बातचीत की.

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(वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम)

(वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह)

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के ड्राफ्ट रेगुलेशन पर विवाद जारी है. द्वीप पर नए नियमों और नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. प्रफुल पटेल को पद से हटाने की मांग तेज हो रही है. क्विंट ने इन रेगुलेशन से होने वाले संभावित नुकसानों को समझने के लिए लक्षद्वीप के पूर्व प्रशासक वजाहत हबीबुल्लाह से बातचीत की.

लक्षद्वीप प्रशासन इन रेगुलेशन को 'विकास' कार्य बता रहा है, जबकि हबीबुल्लाह का कहना है कि 'ये विकास नहीं, विनाश है.' उन्होंने पूछा कि क्या लक्षद्वीप के लोग 'विनाश का स्वागत करेंगे.'

“जब तक ये रेगुलेशन वापस नहीं लिए जाते, हमें चैन की नींद नहीं सोना चाहिए.” 
वजाहत हबीबुल्लाह
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गुंडा एक्ट जैसे कानूनों की जरूरत क्यों?

वजाहत हबीबुल्लाह ने कहा कि इन कानूनों की उन्हें जरूरत समझ नहीं आती है क्योंकि लक्षद्वीप में तो 'कोई अपराध है ही नहीं.' उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले खबर आई थी कि श्रीलंका से आई एक नाव पकड़ी गई है. इसमें परेशान होने की क्या बात है. अच्छी बात है कि तुरंत पकड़ ली गई."

“लक्षद्वीप में वहां के मूल निवासी ही रहते हैं. वहां किसी आतंकी का आकर चुपके से रहना नामुमकिन है. वहां का क्राइम रेट बहुत कम है. ऐसे अपराध होते हैं जो बाकी देश में अपराध की श्रेणी में भी नहीं आते हैं.” 
वजाहत हबीबुल्लाह

नए रेगुलेशन में जनसंख्या संबंधी भी फैसले लिए गए हैं. इस पर हबीबुल्लाह कहते हैं कि वहां का जन्म दर बाकी देश के मुकाबले बहुत कम है. उन्होंने कहा, "लक्षद्वीप में बच्चों के जन्म की दर 1.4 है. जहां जनसंख्या कम होने की चिंता पहले से ही, वहां दो बच्चों की पॉलिसी की क्या जरूरत?"

हबीबुल्लाह ने कहा कि केंद्र सरकार का 'कर्तव्य है कि वो इस बात पर स्पष्टीकरण दे.' लक्षद्वीप में बीफ बैन पर उन्होंने कहा, "वहां इसका क्या मतलब है लक्षद्वीप में गाय पालने लायक वातावरण भी नहीं है. "

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