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नागपुर: 'गंगा-जमना' के सेक्स वर्कर्स क्यों कर रहे विरोध?

नागपुर पुलिस ने 200 साल पुराने रेड लाइट एरिया 'गंगा जमुना' में वैश्यावृत्ति पर रोक लगा दी है

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15 अगस्त को नागपुर पुलिस ने शहर के 200 साल पुराने रेड लाइट एरिया 'गंगा जमुना' की ओर जाने वाली सड़कों को सील कर दिया. जिसके बाद प्रतिबंध (Sealing) का विरोध करते हुए हजारों सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) सड़कों पर उतर आए. फिलहाल, पुलिस ने इलाके में धारा-144 लागू कर दी है.

लगभग एक हफ्ते बाद, पुलिस ने अनैतिक ट्रैकिंग रोकथाम अधिनियम (Prevention of Immoral Tracking Act) के तहत क्षेत्र में वैश्यावृत्ति पर प्रतिबंध लगा दिया. क्षेत्र की सेक्स वर्कर्स प्रतिबंध को वापस लेने की मांग कर रही हैं, उनका कहना है कि इससे न केवल उनकी आजीविका बल्कि उनके बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होगा.

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"हमारे पास अपने बच्चों की फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं. 10,000 से 15,000 रुपये प्रति माह के साथ, कोई परिवार कैसे चला सकता है? एक परिवार में 25 से अधिक लोग हैं. हम कैसे खाते हैं? हमने बीते 5 दिनों से नहीं खाया है. हम भूखे बैठे हैं और बीमार भी पड़ गए हैं."
एक सेक्स वर्कर ने द क्विंट से बात करते हुए कहा

क्षेत्र के अन्य लोगों का कहना है कि, जब क्षेत्र में यौनकर्मी दो शताब्दियों से अधिक समय से अपने काम में लगे हुए हैं. तो अब प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?

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"हम किसी के घर में नहीं जाते. हम किसी के लिए रुकावट नहीं हैं. पुलिस ने छापा मारा और रोड को सील कर दिया है. हम नई सड़क कैसे बनाएं? क्या हमारे लिए कोई विकल्प है?"
एक सेक्स वर्कर (Sex Worker), गंगा जमुना

बाल तस्करी के लग रहे हैं आरोप

नागपुर पुलिस के अनुसार, पिछले 10 दिनों में इस क्षेत्र में 109 नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है. इसलिए पुलिस को वैश्यावृत्ति पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
जबकि, सेक्स वर्कर्स का कहना है कि बाल यौन शोषण (Child Sex Allegations) के आरोपों की जांच होनी चाहिए, लेकिन उन्हें अपना काम जारी रखने दिया जाना चाहिए.

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"इन घरों पर हमारा अधिकार है. हमारे पास रजिस्ट्री है. हम टैक्स देते हैं. इसलिए, पुनर्वास का सवाल ही नहीं उठता. इस अन्याय से पहले अगर उन्होंने हमें पुनर्वास के बारे में अच्छी तरह से समझने के लिए कहा होता, तो हम चले भी जाते, लेकिन अब पुनर्वास का सवाल ही नहीं उठता. मेरी मां-बहनें यहां से नहीं हटेंगी."
ज्वाला धोटे, NCP नेता और सामाजिक कार्यकर्ता
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सिर्फ क्षेत्र को खोलने की मांग

सेक्स वर्कर्स प्रतिबंध को सिर्फ हटाने की मांग कर रही हैं. अगर उनके लिए नहीं, तो उनके बच्चों के लिए.

"हमारी जिंदगी खराब हो गई है. लेकिन हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चों की जिंदगी खराब हो. हमारी मांग, हमारी सिर्फ यही मांग है कि हमारी जगह को खोल (Unseal) दिया जाय."
एक सेक्स वर्कर, गंगा जमुना

एक अन्य सेक्स वर्कर ने कहा कि, "यहां सेक्स वर्क 200 से अधिक वर्षों से एक पेशे के रूप में हो रहा है. उस समय पुलिस और सरकार कहां थी?"

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