यूपी पुलिस ने आजमगढ़ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. एफआईआर के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों पर दंगा, राजद्रोह और 17 अन्य आरोप लगाए गए हैं.
आजमगढ़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि देर रात में पुलिस ने अचानक उनपर हमला बोल दिया और उन्हें वहां से हटा दिया. आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुरुषों पर लाठीचार्ज किया, महिलाओं पर ईटें फेंकी और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस दौरान एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया. प्रदर्शनकारी उत्तर प्रदेश में बिलारियागंज के जोहर पार्क में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठे थे.
एक चश्मदीद ने क्विंट को बताया, वह सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. वहां करीब 150 महिलाएं थी. सारी महिलाएं नमाज पढ़ रही थी. पुलिस ने उन्हें चारो ओर से घेर रखा था. पुलिसवाले उन्हें धरना खत्म करने के लिए मजबूर कर रहे थे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकरी बैठे रहे.
चश्मदीद ने कहा-
हम लोग सिर्फ सीएए और एनआरसी को हटाने की मांग कर रहे थे. हम लोग शांति से धरना दे रहे थे. पुलिसवालों ने रात में अचानक मारना शुरू कर दिया. महिलाओं पर ईटें फेंकी, हवाई फायरिंग की और गंदी-गंदी गालियां दी. इस दौरान एक का सिर फट गया और कई महिलाएं जख्मी हो गई. उनकी हालत नाजुक है. ये सबकुछ सिर्फ पुलिसवालों ने किया है.
एक दूसरे चश्मदीद ने कहा, बिलारियागंज में सबकुछ ठीक था, लेकिन रात 2 बजे के बाद जब पुरुष कम हो गए, तो पुलिसवालों ने हमला कर दिया. जिस पार्क में वह प्रदर्शन कर रहे थे, वहां पानी भर दिया गया. महिलाओं को हिरासत में भी लिया गया.
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