वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
मिलिए डॉ. शेहला जमाल से, जून 2020 से शेहला ने 200 से ज्यादा कोविड+ महिलाओं का इलाज किया और संक्रमित महिलाओं के 60 बच्चों की डिलीवरी की.
38 साल की गायनेकोलॉजिस्ट बरेली के राजश्री मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट में कार्यरत हैं. शेहला दो बच्चों की मां है और उनके पति आर्मी में हैं, महामरी के दौरान अस्पताल में काम करना और घर पर बच्चों का ध्यान रखना उनके लिए काफी मुश्किल रहा, लेकिन उन्होंने दोनों ही कामों को बखूबी निभाया.
शेहला महामारी के वक्त NCR के अस्पताल में काम कर रही थीं फिर उन्हें COVID-19 वार्ड में पोस्टिंग मिली. उन्होंने क्विंट से बातचीत में बताया कि उन्होंने किन मुश्किलों का सामना किया.
जून के आसपास जब महामारी एकदम चरम पर थी तब मुझे मेरे देश के लिए इंसानियत के लिए कुछ करना था, लेकिन जिस तरह का सपोर्ट खासकर एक महिला को काम की जगह पर मिलना चाहिए उसमें कमी थी.शेहला जमाल, गायनेकोलॉजिस्ट
शेहला बताती हैं कि- COVID जैसी महामारी के दौरान काम करते वक्त आपको PPE किट की जरूरत होती है और ज्यादा प्रोटेक्शन की जरूरत होती है ड्यूटी के समय कुछ आराम करने का भी समय सहकर्मियों से मदद, जो मुझे नहीं मिली. इसके उलट मैंने काफी दबाव और उत्पीड़न का सामना किया, मैं तब टूट सी गई तब मैंने ये फैसला लिया मैं NCR से बरेली गई.
महामारी के समय कई परेशानियों का सामना किया, लेकिन मुझे अपने फैसले पर गर्व है क्योंकि मैंने यहां जो कुछ भी किया, वो उससे ज्यादा ही है जितना मैं वहां कर पाती. एक तरह की संतुष्टि मिलती है कि मैंने 60 महिलाओं की डिलीवरी की 200 से ज्यादा कोविड+ गर्भवती महिलाओं को संभाला, मुझे बहुत खुशी होती है, मुझे महसूस होता है कि हम समाज को कुछ लौटा रहे हैंशेहला जमाल, गायनेकोलॉजिस्ट
शेहला बताती हैं कि महामारी के दौरान जब उन्होंने शहर बदलने का निर्णय लिया तो उनके परिवार ने उनका साथ नहीं दिया, उनका कहना था कि वो नौकरी छोड़ दे.
मेरा परिवार मुझसे थोड़ा नाराज जरूर था कि इस सब की क्या जरूरत है उन्होंने तो यहां तक कहा कि मुझे अभी नौकरी छोड़ देनी चाहिए बजाए शहर बदलने के, लेकिन मैं ऐसी नहीं हूं तो जब मैंने फैसला लिया, मैं शिफ्ट हो गई
वो कहती हैं- बच्चे भी काफी सोच में थे कि हम क्यों शिफ्ट हो रहे हैं वो वहां बहुत अच्छे से सेटल थे तब मुझे जरूर लग रहा था कि मैं कुछ गलत कर रही हूं बच्चों के साथ, शायद मेरे करियर के लिए ये ठीक नहीं लेकिन मेरे लिए मेरी अपनी संतुष्टि भी जरूरी थी
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