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जय किसान आंदोलन के ‘MSP सत्याग्रह’ पर खुलकर बोले योगेंद्र यादव   

योगेंद्र यादव ने एमएसपी पर बारीकी से बातचीत करते हुए बताया कि आखिर इस देशव्यापी आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी.

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स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि रबी फसलों की बाजार में बिक्री शुरू होने के बावजूद किसानों का उसका न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी नहीं मिल रहा है. इसके खिलाफ स्वराज इंडिया की अगुआई में किसान संगठन देश के प्रमुख मंडियों में 14 मार्च से एमएसपी सत्याग्रह शुरू करेंगे. योगेंद्र यादव ने एमएसपी पर बारीकी से बातचीत करते हुए ये भी बताया कि किसानों के हक के लिए आखिर इस देशव्यापी आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी.

इस बिक्री सीजन के पहले कुछ हफ्तों में बंगाल में चने की कीमत 4,400 रुपये के एमएसपी के मुकाबले काफी हद तक नीचे गिर गई हैं. मार्च के पहले हफ्ते के एग्रीमार्केट के आंकड़ों से पता चलता है कि चना की औसत मॉडल कीमत MSP से नीचे 800 से 1000 रुपये है जो पिछले साल की कीमतों के मुकाबले काफी कम है.

स्वराज अभियान का कहना है कि किसानों को इस नुकसान से बचाया जा सकता था, क्योंकि सरकर को चने की बुआई और अच्छे पैदावार की जानकारी होने के बावजूद सरकार ने चने के थोक आयात की मंजूरी दी. अप्रैल-नवंबर 2016 में 2.49 लाख टन के मुकाबले 2017 में इसी दौरान आयात 7.47 लाख टन किया गया. महाराष्ट्र सरकार ने 19 लाख टन चने की अनुमानित उत्पादन के मुकाबले सिर्फ 3 लाख टन की खरीद की घोषणा की है.

योगेंद्र यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश के भवान्तर योजना से भी किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. निति आयोग किसानों की आय बढ़ाने को लेकर क्या उपाय कर रहा है, अब तक किसी को मालूम नहीं. इस सीजन के पहले तीन हफ्ते में चने के 90 टन के अनुमानित पहुंच और मॉडल मूल्य के मूल्यांकन के आधार पर केवल चने की फसल में किसानों को 6087 रुपए के नुकसान की आशंका है.

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