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FAQ: NEET कट-ऑफ क्या है? ये एडमिशन कट-ऑफ से कैसे अलग है?

एडमिशन प्रक्रिया कैसी होगी?

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कोरोना वायरस महामारी के बीच 13 सितंबर को आयोजित कराए गए NEET एग्जाम में करीब 85-90 फीसदी छात्र मौजूद रहे. एग्जाम खत्म होने के बाद अब छात्र नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी तारीख का ऐलान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जल्द ही जारी करेगी.

लेकिन कट-ऑफ कैसे तय होगी? एडमिशन प्रक्रिया कैसी होगी? क्विंट ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के अकादमिक डायरेक्टर (मेडिकल) अनुराग तिवारी से इन सब सवालों के जवाब जाने.

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मैं नतीजों तक क्या करूं?

कई कोचिंग इंस्टीट्यूट ने NEET 2020 के आंसर की जारी कर दी है. छात्रों को अपनी आंसर चेक कर एक अनुमानित स्कोर देख लेना चाहिए.

इस तरह वो अपने मार्क्स कैलकुलेट कर सकेंगे और जिस इंस्टीट्यूट में वो जाना चाहते हैं, वहां की पिछली तीन कट-ऑफ देख सकते हैं. NTA भी जल्दी ही आधिकारिक आंसर की जारी करेगी.

कट-ऑफ कब जारी की जाएगी?

NTA ने नतीजों की कोई तय तारीख नहीं बताई है. नतीजों के बाद NTA छात्रों के स्कोर और उनकी ऑल इंडिया रैंक जारी करेगी.

दो तरह की कट-ऑफ होती हैं. पहली NEET कट-ऑफ होती है, जो कैंडिडेट के परसेंटाइल पर आधारित होती है और एग्जाम के लिए क्वालीफाइंग स्कोर होता है. आसान शब्दों में, ये वो न्यूनतम परसेंटेज है, जो किसी छात्र को NEET UG पास करने के लिए चाहिए.

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क्या एडमिशन NEET कट-ऑफ पर आधारित हो सकते हैं?

नहीं, NEET कट-ऑफ सिर्फ छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए योग्य बनाती है और किसी कॉलेज में एडमिशन की गारंटी नहीं देती. एडमिशन के लिए दूसरी और एक अलग कट-ऑफ होती है.

जनरल केटेगरी के लिए NEET कट-ऑफ 50 परसेंटाइल है. जबकि SC/ ST/ OBC के लिए ये 40 परसेंटाइल है.

एडमिशन कट-ऑफ कैसे तय होगी?

एडमिशन कट-ऑफ की कैलकुलेशन समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि दो एडमिशन कोटे होते हैं.

ऑल इंडिया कोटा: सभी सरकारी कॉलेजों में 15 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटा के तहत आरक्षित हैं. पूरे देश के छात्र इस कोटे के जरिए अप्लाई कर सकते हैं. मेडिकल काउंसलिंग कमेटी सीटों के लिए काउंसलिंग इस कोटे के तहत करेगी.

राज्य कोटा: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बची हुईं 85 फीसदी सीटें इस कोटे के तहत आरक्षित होती हैं. जो छात्र किसी एक राज्य के डोमिसाइल के तहत क्वालीफाई करते हैं, वो उस राज्य में इस कोटे के तहत अप्लाई कर सकते हैं. राज्यों की कमेटियां इस कोटे के लिए काउंसलिंग करती हैं.

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मैं दिल्ली का निवासी हूं. क्या मैं लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के लिए अप्लाई कर सकता हूं?

हां, अगर आप NEET कट-ऑफ को क्लियर करते हैं तो. हालांकि, अगर आपका डोमिसाइल दिल्ली का है और यूपी का नहीं, तो आपको ऑल इंडिया कोटा के तहत अप्लाई करना होगा, जिसके लिए कट-ऑफ ज्यादा होती है.

AIIMS, PGIMER और बाकी केंद्रीय यूनिवर्सिटी के लिए एडमिशन सिर्फ ऑल इंडिया कोटा से होता है.  

एक छात्र ऑल इंडिया कोटा के तहत सभी राज्यों में सरकारी कॉलेजों में अप्लाई कर सकता है. लेकिन राज्य कोटा के तहत अप्लाई करने वाला छात्र उस राज्य के बाहर के सरकारी कॉलेजों में अप्लाई नहीं कर सकता.

हां, तो एडमिशन कट-ऑफ?

नतीजों के ऐलान के बाद मेडिकल काउंसलिंग कमिटी और राज्यों की कमेटियां एक पोर्टल खोलेंगी, जहां छात्र लॉगिन कर अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स चुन सकते हैं.

इसके बाद काउंसलिंग कमेटियां कॉलेजों को मेरिट लिस्ट भेजेंगी.

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लेकिन मेरिट लिस्ट कौन तय करेगा और कैसे?

मान लीजिए दिल्ली का निवासी यश दिल्ली राज्य की एक मेडिकल यूनिवर्सिटी में अप्लाई करता है, जहां 100 सीटें हैं. वो ऑल इंडिया और राज्य कोटा, दोनों के तहत अप्लाई करता है. अब मान लीजिए कि यश की ऑल इंडिया रैंक 200 है और राज्य कोटा के तहत उस यूनिवर्सिटी में अप्लाई करने वाला वो सबसे ज्यादा AIR होल्डर है.

100 में से 15 सीटें ऑल इंडिया और 85 राज्य कोटा में आरक्षित होंगी.

तो, इस कॉलेज के लिए राज्य कोटा में कट-ऑफ AIR 200 से शुरू होगी और 85 सीटें भर जाने के बाद बंद होगी. कट-ऑफ AIR 285, 300, 400, 500 या ऐसे ही किसी पर बंद हो सकती है और ये इस कोटा में अप्लाई करने वाले दूसरे छात्रों की रैंक पर निर्भर करेगा.

अब मान लीजिए कि इसी कॉलेज में AIR 1 वाली राशि ऑल इंडिया कोटा से अप्लाई करती है. कट-ऑफ खुलेगी AIR 1 पर और बंद हो सकती है 15, 20, 30, 50, 100, 200 पर, जो कि बाकी छात्रों की AIR पर निर्भर करेगा.

इस केस में, यश को राज्य कोटा से एडमिशन मिल जाएगा, लेकिन अगर कट-ऑफ 199 पर बंद हो गई तो वो ऑल इंडिया कोटा से एडमिशन नहीं ले पाएगा.

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