OpIndia, लगता है श्रीश्री रविशंकर के जन्मदिन पर भेजा गया हमारा संदेश आपको पसंद नहीं आया. आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से 2016 में यमुना तट पर 'वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल' से जो नुकसान हुआ था, हमारा मकसद उसे याद दिलाना था. हम आशा करते हैं कि आप ये गलती दोबारा नहीं करेंगे.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मुताबिक, आर्ट ऑफ लिविंग के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल से यमुना तट को काफी नुकसान पहुंचा था. इसके कारण NGT ने आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था, जिसका आर्ट ऑफ लिविंग ने भुगतान भी किया था.
जिन दो किसानों का आपने और हमने इंटरव्यू किया, दोनों ही इंटरव्यू में किसानों के यमुना किनारे खेती पर बयान अलग हैं.
सुखबीर सिंह और हरवती ने जो क्विंट से कहा, हम उसके आधार पर अपनी बात कह रहे हैं और उस पर कायम हैं. पूरी पारदर्शिता के लिए हमने दोनों ही किसानों के इंटरव्यू की रॉ फुटेज दिखाई है. हमने OpIndia से पहले उन किसानों का इंटरव्यू किया और हमने कहीं भी और किसी भी तरीके से उन्हें प्रभावित करने की कोशिश नहीं की है. ये रहे उनके लिंक:
पूरी पारदर्शिता के लिए OpIndia को सुखबीर सिंह और हरवती के इंटरव्यू की रॉ फुटेज दिखानी चाहिए. इससे पाठकों को ये समझने में आसानी होगी कि दोनों किसानों को इंटरव्यू में पूरी तरह बोलने की आजादी दी गई या उन्हें इंटरव्यू में क्या कहना है, ये बताया गया.
हम एक बार फिर कहते हैं कि आर्ट ऑफ लिविंग को यमुना के तट पर, जिसकी पर्यावरण के लिहाज से नाजुक स्थिति है, वहां ये कार्यक्रम नहीं करना चाहिए था.
क्विंट का उद्देश्य था कि श्रीश्री रविशंकर को लोगों को अच्छे और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए. शायद उन्होंने अपने कई भक्तों की जिंदगी बदली होगी. हम आशा करते हैं कि वे कानून का अनादर नहीं करेंगे.
भवदीय
अनमोल सैनी
वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
कैमरा: शिव कुमार मौर्या
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)