पाकिस्तान का मुद्दा हमेशा से ही भारत के चुनावों का हिस्सा रहा है. हर चुनाव में पाकिस्तान का नाम लेकर सरकार और विपक्ष की एकदूसरे पर हमला बोलने की रीत पुरानी है.
इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी पाकिस्तान एंगल पर पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी और बीजेपी नेता कांग्रेस नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं. तो कांग्रेस भी आरोप लगा रही है कि पाकिस्तान को लेकर पीएम मोदी की नीति दमदार नहीं नरम है.
देश की सेना पर सवाल उठाने वालों को पाकिस्तान जाने की नसीहत के जवाब में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी तक ने पुलवामा हमलों की टाइमिंग और बालाकोट में हवाई हमले के नुकसान पर सरकार से जानकारी मांगी.
'कुछ भी करो मोदी को हटाओ'
चुनावी हलचल शुरू होने से ठीक पहले पीएम मोदी ने विपक्ष और पाकिस्तान का कनेक्शन बता दिया. पीएम ने टोंक में हुई एक जनसभा में कहा कि 'मुझे उन लोगों पर अफसोस होता है जो भारत में रहते हुए पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं. ये वही लोग हैं जो पाकिस्तान जाकर बोलते हैं - कुछ भी करो पर मोदी को हटाओ'.
साल 2017 में गुजरात चुनावों के दौरान भी पीएम मोदी ने पाकिस्तान और कांग्रेस का कनेक्शन बताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के कुछ नेताओं के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई है. पाकिस्तान इस बार कांग्रेस नेता अहमद पटेल को जिताने की कोशिश कर रहा है
योगी का 'मसूद अजहर' अटैक
विपक्ष से पाकिस्तान कनेक्शन के मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तो पीएम से भी एक कदम आगे निकल गए. उन्होंने तो सीधे जैश के सरगना आतंकी मसूद अजहर को ही याद कर लिया. योगी ने नाम लिए बगैर मसूद अजहर का नाम सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद से जोड़ दिया. सहारनपुर में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा, 'आपने मसूद अजहर का नाम तो सुना होगा, लेकिन सहारनपुर में भी एक मसूद अजहर का दमाद है, जो उसी की भाषा बोलता है. अब आपको तय करना है कि किसे जिताना है.'
जेटली ने बताई पाकिस्तानी टीवी चैनलों की टीआरपी
पीएम और यूपी के सीएम के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कहां पीछे रहने वाले थे. अरुण जेटली ने सैम पित्रौदा के एयर स्ट्राइक पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि पाकिस्तान में उनकी पॉपुलैरिटी बढ़ रही है. उन्होंने कहा, 'सैम पित्रौदा की आज पाकिस्तान के टीवी चैनलों में टीआरपी काफी हाई है. मुझे यकीन है कि इस बयान का भारत में विरोध भी काफी हाई होगा'.
इनके अलावा बीजेपी नेता और गुजरात के सीएम विजय रूपाणी और राम माधव ने भी पाकिस्तान और विपक्ष को एक साथ खड़ा करने की कोशिश की. रूपाणी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की जीत होती है पाकिस्तान में दीवाली मनाई जाएगी, वहीं राम माधव ने कांग्रेस को पाकिस्तान में चुनाव लड़कर जीतने की बात कही थी.
समाज में दिखती है ऐसे बयानों की झलक
कई लोग अपने लीडर यानी अपने पीएम या सीएम को काफी ज्यादा फॉलो करते हैं. अगर नेता ही पाकिस्तान भेजने और पाकिस्तान से रिश्ते जोड़ने की बात करेंगे तो इसका असर लोगों को पर भी होना लाजमी है. हाल ही में गुरुग्राम में मुस्लिम परिवार के साथ हुई घटना भी इसी बयानबाजी की एक तस्वीर है. गुरुग्राम में क्रिकेट मैच को लेकर हुए झगड़े के बाद कुछ लोगों ने मुस्लिम युवकों को जमकर पीटा. सिर्फ यही नहीं उन्हें पाकिस्तान जाकर क्रिकेट खेलने की सलाह दे डाली.
नसाल 2018 की बात करें तो देश में सबसे ज्यादा हेट क्राइम के मामले दर्ज किए गए. 2009 से 2018 के बीच हेट क्राइम के 280 मामले दर्ज हुए, जिनमें 100 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 692 लोग घायल हुए
हर सवाल का जवाब पाकिस्तान
आज जब नेताओं से असली मुद्दों पर सवाल किए जाते हैं तो जवाब में पाकिस्तान का नाम सामने आता है. सवाल पूछने वालों को एंटी नेशनल, प्रो पाकिस्तानी, लिब्टाड, अर्बन नक्सल जैसे नाम दे दिए जाते हैं. फिलहाल हालत ये हैं कि देश में बेरोजगारी शिखर पर है, सेहत और शिक्षा जैसे मामलों की कोई भी चर्चा नहीं होती. अब चुनाव नजदीक आते ही नेताओं से सवाल पूछे जाएंगे और एक बार फिर उन सवालों का जवाब होगा पाकिस्तान, पाकिस्तान, पाकिस्तान.
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