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पीएम मोदी बायोपिक से जुड़े हर सवाल पर विवेक ओबेरॉय के बेबाक जवाब

द क्विंट से विवेक ओबेरॉय की खास बातचीत 

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विवेक ओबेरॉय की फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' की रिलीज डेट तमाम विवादों के बाद टल चुकी है. चुनाव आयोग ने इस फिल्म की रिलीज पर फिलहाल रोक लगा दी है. फिल्म से जुड़े तमाम विवादों पर द क्विंट ने विवेक ओबेरॉय से खास बातचीत की है. ये फिल्म 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के वोटिंग के दिन रिलीज होनी थी, जिसको लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने ऐतराज जताया था,

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चुनाव के वक्त ही पीएम मोदी बायोपिक क्यों रिलीज की जा रही है? इस सवाल के जवाब में विवेक ने कहा-

लोग ईद, क्रिसमस या दीवाली पर फिल्म क्यों रिलीज करते हैं? मैंने तो सवाल नहीं पूछा ये भी लोकतंत्र का त्योहार है, तो इस वक्त फिल्म को रिलीज करने में क्या दिक्कत है.  हम फिल्म ये सोचकर बनाते हैं कि उसे ज्यादा से ज्यादा लोग देखें, हमे ज्यादा बिजनेस मिले, ये हमारा हक है. 

क्या इस फिल्म में पीएम मोदी की छवि को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है और उनको हीरो की तरह पेश किया गया है. इस सवाल के जवाब में विवेक ने कहा-

मुझे उनको हीरो तरह कि दिखाने की जरूरत नहीं है, वो 100 करोड़ लोगों के हीरो हैं. वो पूरी दुनिया के सबसे मशहूर नेताओं में से हैं.  उनकी छवि चमकाने के लिए हमें फिल्म बनाने की जरूरत नहीं है. हमने एक ऐसी फिल्म बनाई है, जिसको देखकर लोग प्रेरणा लें. मेरे लिए ये फिल्म लार्जर देन लाइफ है. एक ऐसा शख्स है, जो एक साधारण परिवार से आता है, जिसकी मां दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती है, वो आज  इस मुकाम पर पहुंच जाता है, उस शख्स की जिंदगी से लोग प्रेरणा ले सकते हैं. 

अपनी फिल्म की आलोचना पर विवेक ने कहा-

जिसको मेरी फिल्म पसंद आए वो देखे, जिसे नहीं पसंद आए उसे आलोचना करने का पूरा अधिकार है. मुझे आलोचनाओं से डर नहीं लगता. 

2002 के गुजरात दंगे को इस फिल्म किस तरह से दर्शाया गया है, इस सवाल पर विवेक ओबेरॉय ने कहा-

उस घटना को लेकर सबके अपने विचार हैं. इस फिल्म में हमे उस घटना को किस तरह से दिखाया है, ये मैं अभी नहीं बता सकता है. जहां तक ट्रेलर की बात है तो उसे लोगों इस तरीके से बनाया जाता है, जिसे देखकर लोगों की रुचि पैदा हो.  इस फिल्म में हम क्या दिखा रहे हैं, इसे सीक्रेट ही रहने दें. 

फिल्म में नोटबंदी और मॉब लिंचिंग और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया है?

हमारी फिल्म की कहानी पीएम मोदी के बचपन से प्रधानमंत्री बनने की है. ये एक प्रेरणा देने वाली फिल्म है ना कि कोई प्रोपेगेंडा.

विवेक ओबेरॉय ने इंटरव्यू में बताया कि कई लोगों ने इस फिल्म की वजह से मुझे और मेरे परिवार को धमकाना शुरू कर दिया. लोग मुझे गालिया देते हैं, लेकिन ये उनकी सोच है, मैं किसी की सोच को नहीं बदल सकता है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी बायोपिक कल नहीं होगी रिलीज, चुनाव आयोग ने लगाई रोक

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