प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही नोटबंदी के बाद 'कैशलेस इंडिया' की बात कर रहे हैं. लेकिन देश की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
पीएम ने अपने एक भाषण में कहा, “अनपढ़ से अनपढ़ आदमी को मालूम है कि वॉट्सएप कैसे इस्तेमाल करना है, कैसे मेसेज फॉरवर्ड करना है. जितनी आसानी से हम वॉट्सऐप इस्तेमाल करते हैं, उतनी ही आसानी से मोबाइल से शॉपिंग भी कर सकते हैं.”
क्विंट ने देश की राजधानी दिल्ली के मदनपुर खादर, संगम विहार, सरिता विहार जैसे इलाकों में लोगों से मुलाकात की और उनसे यह जानने की कोशिश किया कि क्या उन्हें ई वॉलेट, ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई के बारे में कुछ पता है?
आप भी देखिए, क्या कहा लोगों ने.
125 करोड़ की आबादी वाले भारत में सिर्फ 34 करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़े हैं. और तो और, लगभग 43 करोड़ लोग इनफॉर्मल सेक्टर में काम करते हैं.
देश इंटरनेट साक्षरता से भी अभी कोसों दूर हैं, ऐसे में कैशलेस होने की बात करना क्या ऐसे लोगों के साथ बेईमानी नहीं है?
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