सेवा में,
रन लूला रन,
अध्यक्ष, पीवीपी यानि परिवारवादी पार्टी,
पटना, बिहार
विषयः शपथ समारोह में ग्रहण लगाने के लिए कांग्रेसच्युलेशन
प्रिय लूलू जी,
कान के बाल खींच के प्रणाम. अर्ज किया है बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही लल...उल्लू काफी है..हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा.
आपका करप्शन से हरा भरा करियर लगभग खत्म था लेकिन जिस तरह से जनता ने वापस आपको गद्दी पर बिठाया है..उस पर सिर्फ यही कहूंगा..डेमोक्रेजी जिंदाबाद.
आपके एक सपूत शपथ लेते में अपेक्षित को उपेक्षित पढ़ रहे थे..पहली बार देखा कि कोई शपथ लेते में भी फेल हो सकता है..जबकि फर्रा हाथ में था..
आपसे और आपके सुपुत्रों से ये अपेक्षित है कि वो अपने राज्य की जनता की जी भर के उपेक्षा करेंगे.
लूलू जी कुर्सी पर बैठ के आपने जो कमाल दिखाए हैं वो आज तक जनता नहीं भूली. आपके राज में सबको बराबरी का दर्जा मिला..चाहे इंसान हो या जानवर..एक टाइम ऐसा आया जब इंसान और जानवर के बीच फर्क करना मुश्किल हो गया..और आपने भी भैंसों का चारा खाकर ये साबित कर दिया...कि आप जानवरों को अपने बराबर ही मानते हैं.
एक बार फिर आपको और आपके महाठगबंधन को ढेर सारी शुभकामनाएं...आप और आपके सपूत, इसी तरह आपकी आने वाली जेनरेशन का भला करते रहें...
आपका चमचा,
सौरभ
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