सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकार है
राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और ये संविधान के आर्टिकल 21 के तहत आता है. सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला लिया. सुप्रीम कोर्ट ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए ये फैसला दिया है. दोनों फैसलों में निजता को मौलिक अधिकार नहीं माना गया था.
राइट टू प्राइवेसी है मौलिक अधिकार, जानिए कैसे बदलेगी आपकी जिंदगी
राइट टू प्राइवेसी किसी को उसकी मर्जी से खाने-पीने, उसकी पसंद से शादी करने और उसकी पसंद का पहनावा पहनने की छूट जैसे कई अधिकार देता है. मतलब किसी भी इंसान को उसकी जिंदगी में खुल कर जीने की आजादी. तब तक जब तक कि वो किसी की भावना को ठेस ना पहुंचाए या फिर किसी को हर्ट ना करें या फिर पब्लिक ऑर्डर को कोई खतरा ना हो.
बाबा राम रहीम की दुनिया के दरवाजों के पीछे क्या होता है?
सिरसा में करीब 700 एकड़ में फैला ‘डेरा सच्चा सौदा’ कहने को एक आश्रम है लेकिन सच पूछिए तो ये एक आश्रम नहीं, अपने आप में एक पूरा शहर है. एक साम्राज्य है. जिसके दरवाजे बाबा की मर्जी से खुलते हैं और उसी तरह उनकी मर्जी से बंद हो जाते हैं. डेरा सच्चा सौदा आश्रम की दो दुनिया हैं. एक दुनिया वो है जो लोगों को नजर आती है. दूसरी दुनिया के बारे में बाहर के लोग कम जानते हैं.
बाबा रे बाबा! ये है गुरमीत राम रहीम पर लगे आरोपों की पूरी लिस्ट
गुरमीत राम रहीम, एक नाम, जिसका इतिहास किसी रहस्य से कम नहीं है. उन्हें एक संत के रूप में देखा जाता है. समाजसेवा से लेकर फिल्मों में सुपर हीरो तक, वो सभी जगह नजर आ चुके हैं. उन्हें रंगीन कपड़े पहनने से लेकर लग्जरी गाड़ियों तक का शौक है. यही वजह है कि वो अपने सत्संग से कम, अपनी लाइफ स्टाइल को लेकर ज्यादा सुर्खियों में रहते हैं. इन्हीं चर्चाओं के बीच उनका विवादों से भी गहरा नाता रहा है.
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