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Quad: चीन को काबू करना है तो ‘एक अरब वैक्सीन’ जैसे और ‘तीर’ चाहिए

एक अरब वैक्सीन वाला ये प्लान कामयाब रहा तो चीन के असर को कम करने के लिए एक रोडमैप साबित हो सकता है.

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12 मार्च को हुई QUAD की बैठक में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और चीन ने जो प्लान बनाया है, वो चीन की चौधराहट का जवाब हो सकता है. खास बात ये है कि इसमें टकराव के बजाय सहयोग है. एक अरब वैक्सीन वाला ये प्लान कामयाब रहा तो चीन के असर को कम करने के लिए एक रोडमैप साबित हो सकता है.

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एक अरब वैक्सीन, निशाने पर चीन?

इस बैठक में चारों देशों ने तय किया कि भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल करेगा, अमेरिकी वैक्सीन की तकनीक देगा, जापान पैसा लगाएगा और ऑस्ट्रेलिया अपनी लॉजिटिक्स का इस्तेमाल करेगा. चारों मिलकर भारत प्रशांत महासागर क्षेत्र में गरीब देशों तक वैक्सीन पहुंचाने का काम करेंगे. कुल एक अरब वैक्सीन की डोज बनाने पर सहमति बनी है. जिस तरह से चीन वैक्सीन देकर देशों को साधने की कोशिश कर रहा है, उसमें ये योजना अहम है.

QUAD की बैठक में नेताओं ने कहा कि वो भारत प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थिरता चाहते हैं. मुक्त और खुला व्यापार चाहते हैं

तकनीक पर जवाब

बैठक में तीन कार्यकारी समूह बने हैं. एक तो वैक्सीन पर है, दूसरे और तीसरे हैं नई तकनीक और जलवायु परिवर्तन पर. बैठक में रेयर अर्थ मिनरल में चीन का एकाधिकार खत्म करने की दिशा में बात हुई है. इन खनिजों के बिना आज संचार, रक्षा, अंतरिक्ष अनुसंधान संभव है. लेकिन इन खनिजों पर चीन का एकाधिकार है. करीब 60%. भारत में ऐसे खनिज करीब 6% हैं लेकिन विश्व उत्पादन में शेयर हैं महज 1%.

QUAD की बैठक में चीन से सीधे टकराव की बात नहीं है. चीन के प्रति अमेरिका क्या रुख होगा, ये कुछ हद तक वहां के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के भाषण से पता चलता है. उन्होंने कहा था कि जहां जरूरत है वहां चीन से सहयोग करेंगे, जहां चाहिए वहां प्रतियोगिता करेंगे और जहां जरूरत होगी, वहां मुकाबला करेंगे. चीन और अमेरिका के रिश्ते कैसे होंगे इस पर कुछ राय बनाने से पहले देखना होगा कि अगले हफ्ते अलास्का में चीन और अमेरिका के विदेश मंत्री क्या बात करते हैं.

चीन Vs दुनिया नहीं होने जा रहा

जो लोग इस बैठक को चीन के खिलाफ मोर्चे के तौर पर देख रहे हैं. वो जल्दबाजी कर रहे हैं. आज की दुनिया वैसे काम नहीं करती. चीन ने भी बैठक से पहले प्रतिक्रिया दी कि भारत अब BRICS, SCO के लिए निगेटिव असेट बनता जा रहा है लेकिन सच्चाई ये है कि भारत की नीति हमेशा से यही रही है कि किसी से टकराव नहीं, सबसे सहयोग करें, मिलकर चलें. तो भारत का जवाब ये हो सकता है कि इसमें क्या दिक्कत है कि हम BRICS में भी रहें और QUAD में. वैसे भी भारत की चुनौती ये है कि चीन से मुकाबला भी करना है और बात भी करनी है, क्योंकि सीमा विवाद है.

चीन को जवाब कैसे?

ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन की चौधराहट को खत्म करने के लिए QUAD ही नहीं आशियान, साउथ कोरिया, ताइवान,इंडोनेशिया, वियतनाम, इन सभी देशों को तालमेल बिठाना होगा. वैक्सीन पर इन चार देशों ने जो रणनीति बनाई है अगर वो कामयाब होती है तो वो आगे के विषयों के लिए नजीर साबित हो सकती है.

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