इस 159 मिनट लंबी 'रेस 3' में उबाने वाले पल ढेर सारे हैं. जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, फिल्म से हमारा लगाव छूटता रहता है. रेमो डिसूजा के निर्देशन में बनी ये एक्शन थ्रिलर पूरी तरह सलमान खान के स्टारडम की गारंटी पर निर्भर है. ये निर्भरता इतनी ज्यादा है कि एक्शन सीन बीच में रुक जाता है और भाईजान एक उड़ती हुई कार में वहां एंट्री मारते हैं...और फैन्स चारों खाने चित.
चमकदार कारें, बॉबी देओल का करियर, अनिल कपूर की सफेद दाढ़ी, जैकलिन की सेक्सी टांग, डेजी शाह की हाई हील, साकिब सलीम का ब्लैंक लुक और सलमान खान के लिखे गए बेतुके गीत- रेस 3 इन्हीं सब चीजों के बिखराव से बना है. कहानी को बांधे रखने में नाममात्र की भी समझदारी नजर नहीं आती.
कहानी एक परिवार की है, जिसमें कई तरह के राज दफन हैं. इस परिवार का मुखिया अनिल कपूर ने अपने तीन बच्चों के साथ अवैध हथियारों के सौदे का साम्राज्य चलाता है.
इस कहानी में 'खानदानी दुश्मनी' भी शामिल होती है. ये दुश्मन है फ्रेडी दारूवाला, जो अपनी भौहें उचकाकर और जबड़े दबाकर बुरी तरह से लिखी गयी कुछ धमकियां देता है. हालांकि ये सारी खलनायकी ज्यादातर फोन पर चिल्लाकर ही की गई है.
लिहाजा, फिल्म में अपनी काबिलियत दिखाने के लिए सलमान और उसके साथियों के पास बहुत मौके मिलते हैं. डेजी और जैकलिन का एक फाइट सीन है, जिसमें दोनों अपने शरीर को अजीब ढंग से मोड़ते हैं. एक सीन में सलमान अपनी टी-शर्ट को एक हाथ से फाड़कर अलग कर देते हैं और बॉबी देओल भी उन्हें देखकर बिलकुल ऐसा ही करते हैं. इसके बाद ये दोनों अधनंगे आदमी तब तक लड़ते हैं, जब तक वे ऊब नहीं जाते! फिल्म देखकर कोई भी नहीं जान पाता कि असल में इस कहानी में हो क्या रहा है.
सलमान की इस फिल्म को सबसे खराब गानों के लिए भी याद किया जाएगा. सलमान ने फिल्म के लिए दो गीतों को लिखा है. ये गाने वाकई हमारे सब्र का इम्तिहान लेते हैं.
थॉमस स्ट्रूथर्स से एक्शन सीन करवाने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. फिल्म में चेजिंग सीक्वेंस दमदार हैं, और अच्छे एक्शन देखने को मिलते हैं, लेकिन एक अच्छी स्क्रिप्ट के बिना फिल्म कोई छाप नहीं छोड़ पाती.
5 में से 1 क्विंट!
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