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गहलोत Vs पायलट: सुप्रीम कोर्ट में आज किसका पलड़ा रहा भारी

सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान के सियासी घमासान को लेकर हुई थी सुनवाई

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राजस्थान की लड़ाई पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची. लेकिन अब फिर से नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर टिक चुकी हैं. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के स्पीकर की याचिका पर उन्हें कोई राहत नहीं दी और कहा कि लोकतंत्र में आवाज उठाने की इजाजत होनी चाहिए. स्पीकर ने कहा था कि राजस्थान हाईकोर्ट हमें ये नहीं कह सकता है कि जब तक फैसला न आए आप एक्शन नहीं ले सकते हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज कर दिया, जिसके बाद अब शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला आएगा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में हुई ये सुनवाई काफी कंफ्यूजिंग है.

अब सवाल ये है कि स्पीकर ने अब तक किसी भी विधायक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है, लेकिन पहले ही मामला कोर्ट में अटक चुका है. स्पीकर का कहना है कि ये उनके अधिकार के खिलाफ है. क्योंकि जब स्पीकर विधायकों पर कोई एक्शन लेते हैं, उसके बाद ही उसे कोर्ट में चैलेंज किया जाता है.

इसीलिए स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी थी कि विधायकों पर किसी भी कार्रवाई से पहले ही हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है. इसमें या तो सुप्रीम कोर्ट इस सुनवाई पर ही रोक लगा दे, या फिर हाईकोर्ट ने जो स्पीकर को कहा है कि वो उसके आदेश तक कोई फैसला नहीं ले सकताे हैं उसे खत्म कर दे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों ही बातों में से कुछ नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को आधे तरीके से खारिज कर दिया.

आधे तरीके से इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा है कि वो हाईकोर्ट के फैसले के बाद इस मामले पर सुनवाई करेंगे. यानी जो फैसला आता है उस पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. लेकिन याचिका इसलिए डाली गई थी कि हाईकोर्ट ने फैसला टाल दिया है इसीलिए स्पीकर को उनके अधिकारों का प्रयोग करने दिया जाए.

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सुप्रीम कोर्ट ने रखी दोनों पक्ष की बात

अब सुप्रीम कोर्ट में हुई ये सुनवाई इसलिए कंफ्यूज करती है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने न तो स्पीकर की तरफ अपना फैसला सुनाया और ना ही सचिन पायलट गुट की तरफ कोई फैसला दिया. स्पीकर की तरफ से कहा गया था कि बागी विधायकों पर किसी भी फैसले से पहले कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हां ये बात विचार करने योग्य है कि जब स्पीकर ने कुछ फैसला नहीं लिया तो मामला कोर्ट में जा सकता है या नहीं. वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सचिन पायलट गुट की बात को भी रख लिया. सुप्रीम कोर्ट में सचिन पायलट गुट की तरफ से दलील दी गई कि उन्हें इस बात का अधिकार है कि अगर कुछ गलत हो रहा है तो वो अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल कर उसका विरोध कर सकते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने माना कि ये बात सही है, लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार होना चाहिए.

अब शुक्रवार को जो हाईकोर्ट फैसला सुनाने वाला है, उसकी असर कुछ ज्यादा नहीं रह गया है. क्योंकि इसी फैसले पर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. वो सभी मुद्दे जो हाईकोर्ट ने इतने दिनों तक देखे, उन्हें सुप्रीम कोर्ट भी देखेगा. इसीलिए राजस्थान की इस पिक्चर से परदा इस शुक्रवार को ही नहीं गिरने वाला है, अभी काफी पिक्चर बाकी है.

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