वीडियो एडिटर- मोहम्मद इब्राहीम
"अभी यहां सटोरियों का जो अनुमान है उससे कांग्रेस सरकार बना रही है. कांग्रेस सरकार बना सकती है ये मैं भी मान रहा हूं, लेकिन जितनी सीट जो लोग कह रहे हैं उतनी नहीं आएगी." ये बातें कोई राजनीतिक एक्सपर्ट या कोई psephologist नहीं बता रहा है बल्कि ये बातें राजस्थान के फलोदी के सट्टा बाजार में एक छोटी सी दुकान में बैठा सटोरी बता रहा था.
“राजस्थान चुनाव में किसका भाव चढ़ेगा, किसकी नैया लगेगी पार, क्या बीजेपी का कमल खिलेगा या फिर कांग्रेस की बनेगी सरकार”, इस सवाल को समझने के लिए हम पहुंचे देश के सबसे बड़े सट्टा बाजार. राजस्थान का फलोदी इलाका, जहां चुनाव से लेकर क्रिकेट तक लगती है हार जीत की बाजी.
सट्टा से अनजान लोगों के लिए फलोदी का सट्टा बाजार आम मार्केट जैसा ही है, चाय की दुकान, पकौड़ी से लेकर चावल-दाल, मसाला सब मिलता है. छोटी-छोटी दुकानों में मटका और सट्टा का भाव लग रहा होता है. सट्टा बाजार को समझने के लिए जब हम फलोदी पहुंचे तो हमारी मुलाकात एक सटोरी से हुई. जिसने हमें राजस्थान चुनाव में किस पार्टी के जीत के आसार हैं और किसका क्या भाव चल रहा है बताया.
सटोरी ने हमें बताया कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस को 123 से 125 सीटें पर बराबरी का भाव मिल रहा है. यानी सट्टा बाजार को लगता है कि कांग्रेस इन नंबर तक आसानी से पहुंच जाएगी. वहीं बीजेपी को 57 से 59 सीटें आ सकती हैं. हमारे खुफिया कैमरे के सामने सटोरी ने बताया कि कांग्रेस का भाव 23-25 पैसे चल रहा है वहीं बीजेपी का 3 रुपये के करीब. मतलब जिनका भाव कम रहेगा उनकी सरकार बनने का चांस रहता है.
सट्टा बाजार का भाव किसपर लोग लगा रहे हैं दाव?
जब हमने दूसरे सटोरी से किस पार्टी पर दाव लगाने के बारे में पूछा तो एक अलग बात सामने आई. सटोर ने कहा, "मेरी बात ध्यान रखो मैं जो बोलता हूं, कांग्रेस सरकार बना सकती है, ये मैं भी मान रहा हूं, लेकिन जितनी सीट कहा जा रहा है उतनी नहीं आ पाएगी. कांग्रेस को 90 सीट भी आएगी तो वो किसी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है लेकिन सीट कांग्रेस को 123-125 नहीं आएगी.
क्या सट्टा बाजार में रुख बदल रहा है?
क्विंट ने एक और सटोरी से बात की. जब हमने सटोरी से पूछा कि क्या किसी नेता या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से भी सट्टा बाजार पर फर्क पड़ता है तो उसका जवाब था हां. "बड़ा उछाल तो नहीं होता है लेकिन थोड़ी हवा बदल जाती है. पब्लिक का मूड थोड़ा बदल जाता है."
बता दें कि 7 दिसंबर को राजस्थान में चुनाव होने हैं जिसके नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. तो क्या इस चुनाव में सट्टा बाजार सही साबित होगा या फिर जनता कुछ और ही चाल चलने वाली है?
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