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भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई है. 1 अगस्त को बीएसई 463 प्वाइंट नीचे और एनएसई 11000 के नीचे बंद होकर पांच महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर शेयर बाजार में तेजी से इस गिरावट के पीछे क्या वजह है? क्या आगे भी बाजार की स्थिति ऐसी ही रहने की संभावना है? और क्या ऐसी स्थिति में निवेशकों को निवेश करना चाहिए? इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए क्विंट ने मार्केट एक्सपर्ट आनंद टंडन से खास बातचीत की.
शेयर मार्केट तेजी से गिरावट की क्या है खास वजह
मार्केट एक्सपर्ट आनंद टंडन कहते हैं हाल ही में शेयर मार्केट में तेजी से गिरावट आयी है. इसकी कोई एक वजह बताना मुश्किल है. लेकिन सबसे खास वजह यही है कि प्रोफिट में कोई अनुमानित बढ़त नहीं है. उन्होंने कहा, साल की शुरुआत में अनुमान था कि मुनाफे में 22-25 फीसदी की बढ़त हो सकती है. लेकिन अब ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है.
इसके अलावा एक वजह ये भी है कि बजट में भारतीय निवेशकों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. इस कारण माहौल निगेटिव हो गया है. अमेरिका के बाजार में भी कुछ बढ़त नजर नहीं आ रही है. वहां की अर्थव्यवस्था की गति भी थोड़ी धीमी पड़ी हुई है.आनंद टंडन, मार्केट एक्सपर्ट
क्या मार्केट के और गिरने की संभावना है?
आनंद टंडन ने कहा, बाजार में लार्ज कैप कंपनियां अभी भी काफी महंगी नजर आ रही हैं. दूसरी तरफ स्मॉल कैप कंपनियां हैं, जिनके शेयर प्राइज में इतनी गिरावट हो चुकी है कि और गिरावट की उम्मीद कम है.
एक बात ध्यान रखें, ऐसा शायद कम ही होता है कि लार्ज कैप में गिरावट हो रही है, तो मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में बढ़त हो रही है. ऐसा जल्दी होता नहीं है.आनंद टंडन, मार्केट एक्सपर्ट
क्या निवेशकों को अभी निवेश करना चाहिए?
इस सवाल पर मार्केट एक्सपर्ट आनंद टंडन का कहना है कि अगर कोई अच्छा निवेशक है, तो उसके लिए सबसे अच्छा यही है कि वो SIP में निवेश करें. अगर बाजार गिरे, तो भी निवेश करता रहे. क्योंकि उस वक्त कम कीमत में यूनिट्स मिल जाती है. ऐसे में जब मार्केट फिर ऊपर चढ़ेगा तो अच्छा प्रोफिट हो सकता है.
इसके अलावा अगर कोई इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहता है तो कॉरपोर्ट बॉन्ड फंड्स में भी निवेश कर सकता है. क्योंकि जैसे ही ब्याज दर कम होगी, यहां कमाई की उम्मीद बढ़ जाती है.आनंद टंडन, मार्केट एक्सपर्ट
बता दें, 1 अगस्त को 17 साल बाद सबसे ज्यादा गिरावट के साथ शेयर बाजार बंद होने की खबर आई. बड़े से बड़े शेयर 10 से 50% तक टूटकर ध्वस्त हो गए. एफपीआई जुलाई के महीने में 15 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट लेकर चले गए. बाजार के निवेशकों के 13-14 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं. मूड खराब होने की वजह है-सुपर रिच टैक्स.
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