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RSS-BJP का हिंदुत्व मंजूर नहीं: शशि थरूर EXCLUSIVE

कांग्रेस नेता शशि थरूर की नई किताब उदार हिंदुत्व को घर-घर पहुंचाने की कोशिश

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कैमरा: शिव कुमार मौर्य

वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दू प्रीतम

कांग्रेस को हिंदू धर्म की याद सिर्फ चुनावों के समय आती है? “हिंदी, हिंदुत्व, हिंदुस्तान" की विचारधारा देश को कैसे नुकसान पहुंचा रही है? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने क्विंट हिंदी से खास बातचीत में दी.

शशि थरूर की नई किताब ‘द हिंदू वे: एन इंट्रोडक्शन टू हिंदुइज्म’ आ चुकी है. ये किताब उदार हिंदूवाद को घर-घर पहुंचाने की कोशिश के तौर पर देखी जा सकती है. इससे पहले भी वो हिंदू धर्म से जुड़ी 'Why I AM A HINDU' , ‘मैं हिंदू क्यों हूं?’ किताब लिख चुके हैं.

इस खास बातचीत में थरूर ने अपनी किताब, हिंदू धर्म, हिंदुत्व से लेकर कश्मीर मुद्दे पर खुलकर बात की है.

इस पूरी बातचीत के कुछ अंश यहां पढ़ें -

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अगली किताब भी हिंदू धर्म पर क्यों?

‘Why I AM A HINDU’, उस किताब में मैंने हिंदू धर्म को लेकर अपनी मेरी राय, अपनी जानकारी रखी. मैंने उसमें हिंदुत्व के बारे में भी लिखा कि सावरकर, गोलवलकर और दीन दयाल उपाध्याय हिंदुत्व को लेकर क्या विचार रखते थे. वो राजनीति में हिंदुत्व के उपयोग पर लिखी किताब थी. लोगों ने पब्लिशर से कहा कि किताब रोचक है लेकिन हमें राजनीति पर किताब नहीं चाहिए. वो ‘लिबरल हिंदूइज्म’ को लेकर मेरे विचार जानना चाहते थे. ये किताब ऐसी है कि एक नानी अपने NRI पोते को दे दे जो इस हिंदूइज्म के बारे में नहीं जानते या वो लोग जो जानना चाहते हैं कि ये धर्म क्या है. ये किताब उस बारे में है. मैंने भी अपने पोते को ये किताब डेडिकेट कर दिया है. मैं चाहता हूं कि वो भी ये सब जाने.

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हिंदू धर्म उदार है, या आप एक उदारवादी हिंदू हैं?

हिंदू धर्म दुनिया का सबसे उदार धर्म है. सभी धर्म कहते हैं कि मोक्ष के लिए हमारे धर्म के जरिये जाना होगा. लेकिन हिंदू धर्म में सबकी मान्यता है. पूजा करने वाला और जो पूजा-पाठ नहीं करता वो भी. ये धर्म किसी पर कोई बंदिश नहीं लगाता कि उसे सिर्फ एक किस्म के नियमों का पालन करना है.

कांग्रेस को हिंदू धर्म की याद चुनावों के समय ही आती है? 

मैंने इन्हीं वजहों से इस किताब में राजनीति के बारे में नहीं लिखा, सिर्फ धर्म के बारे में लिखा है. मेरे प्रदेश या दक्षिण भारत में कोई चुनाव भी नहीं होने वाला है. हिंदू धर्म के बारे में जानना, सोचना, चर्चा करना गलत नहीं है. दुर्भाग्य से कई लोगों को लगता है कि हिंदू धर्म पर सिर्फ वो बात कर सकते हैं, किसी और को बोलने का हक नहीं है. लेकिन हिंदू धर्म सबको अपनाता है और विचारों को जगह देता है. आदि शंकराचार्य इसके उदाहरण हैं.

क्या हिंदू धर्म पर बात करने का मतलब RSS-BJP की तरफ रुख करना है?

मैं RSS-BJP की हिंदुत्व की समझ को इज्जत नहीं दे सकता. स्वामी विवेकानंद का फॉलोअर हूं. हिंदू धर्म ‘स्वीकार्यता’ की बात करता है. हिंदू धर्म एक-दूसरे के सत्य को अपनाता है और इज्जत देता है.

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कश्मीर के लोगों में ‘डेमोग्राफिक बदलाव’ के डर को आप किस तरह देखते हैं?

मैं आर्टिकल 370 पर सरकार के फैसले के खिलाफ हूं. ’डेमोग्राफिक बदलाव’ को लेकर मेरी सोच अलग है. उन मुख्यमंत्रियों के साथ मेरी सहमति नहीं है जो सिर्फ अपने राज्य के लोगों का साथ दें, रोजगार दें. भारत हर नागरिक को कहीं भी रहने की इजाजत देता है. कश्मीर में सिर्फ कश्मीरी रहें, ये गलत है. कश्मीर में कई बिहारी रहते हैं उन्हें कोई अधिकार नहीं मिलता, ये अन्याय है.

क्या दक्षिण भारत के चश्मे से उत्तर भारत को देखा जाना चाहिए?

असली भारत यानी गांधी, अंबेडकर की विचारधारा दक्षिण भारत में अब भी बनी हुई है. “हिंदी, हिंदुत्व, हिंदुस्तान” की राजनीति भारत की असलियत के लिए और एकता के लिए खतरनाक है. हिंदुत्व विचारधारा वाले दोस्तों से कहना चाहूंगा कि विविधता को जगह देनी होगी. धर्म के नाम पर गुंडागर्दी देश, लोकतंत्र और हिंदू धर्म के लिए अच्छा नहीं है.

वीडियो में देखें पूरी बातचीत.

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