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फ्रिज में रखे थे श्रद्धा के टुकड़े, तभी नई गर्लफ्रेंड को फ्लैट पर लाया था आफताब?

Shraddha Murder Case: डेटिंग ऐप पर मुलाकात से जंगलों में बॉडी पार्ट्स मिलने तक- श्रद्धा हत्याकांड की पूरी टाइमलाइन

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पूरे देश को झकझोर देने वाले श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Murder case) में एक-एक कर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि श्रद्धा की हत्या के बाद आरोपी लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला (Aftab Poonawalla) अपनी नई गर्ल फ्रेंड को अपने घर लाया था जबकि उसी समय श्रद्धा के शरीर केटुकड़े फ्रिज में रखे हुए थे. आफताब का अब नार्को टेस्ट होगा. साकेत कोर्ट ने बुधवार, 16 नवंबर को दिल्ली पुलिस के यह कहने के बाद कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, आरोपी के नार्को टेस्ट को मंजूरी दे दी. आइए जानते हैं श्रद्धा वालकर हत्याकांड की पूरी टाइमलाइन.

Shraddha Murder case: श्रद्धा हत्याकांड की टाइमलाइन 

26 वर्षीय श्रद्धा वालकर और 28 साल का अफताब पूनावाला मुंबई में रहते थे. इनकी मुलाकात एक डेटिंग ऐप पर हुई और कथित रूप से दोनों 2019 से लिव-इन-रिलेशनशिप में एक-साथ थे. श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने क्विंट से बात करते हुए बताया है कि

'मैं आफताब से मिल चुका हूं लेकिन कभी उससे बात नहीं की. मुझे वो पसंद नहीं था और मैं नहीं चाहता था कि मेरी बेटी उसके साथ रिलेशनशिप में रहे... मैंने इस रिश्ते से इंकार कर दिया था क्योंकि उसका धर्म हमसे अलग था. लेकिन मैंने कभी सोचा नहीं था ऐसा होगा"

श्रद्धा मास मीडिया में ग्रेजुएट थी और कॉल सेंटर में काम करती थी. उसके माता-पिता अलग रहते थे. श्रद्धा और उसका भाई अपनी मां के साथ रहते थे. लेकिन 2020 में श्रद्धा की मां चल बसीं.

आगे जब जब उसके पिता ने श्रद्धा और अफताब के रिश्ते को मंजूरी नहीं दी तो श्रद्धा ने घर छोड़ दिया. इसके बाद वो मुंबई में अफताब के साथ रहने लगी. श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने क्विंट से बात करते हुए बताया है कि

"आखिरी बार मेरी उससे (श्रद्धा) फोन पर जून 2021 में बात हुई थी. मैंने उससे उसका हाल-चाल पूछा, पूछा कहां हो, कोई जॉब कर रही हो? उसने मुझे बताया वो बेंगलुरु में है... उसने मुझसे झूठ कहा. मुझे बाद में पता चला कि वह मुंबई में आफताब के साथ है"

इसके बाद दोनों मई 2022 में दिल्ली चले आए और किराये पर एक अपार्टमेंट में रहने लगे. पुलिस का दावा है उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे. साउथ दिल्ली के एडिशनल डीसीपी अंकित चौहान का दावा है कि "... वो (अफताब) आपे से बाहर हो जाता था. उस दिन भी उसने आपा खो दिया और उसे मार दिया". पुलिस का कहना है कि आरोपी ने फिर एक धारदार हथियार और एक फ्रिज खरीदा. कथित रूप से श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में जमा करके रखा.

ADCP अंकित चौहान ने बताया अगले कुछ महीनों तक आफताब रात को 2 बजे इन टुकड़ों को फेंकने के लिए निकलता था. उनके अनुसार "उसने शरीर के टुकड़ों को पॉलीथिन में कसकर पैक कर दिया था और फ्रिज में रखा था, वो बदबू को फैलने से रोकने के लिए अगरबत्ती भी खरीद कर लाया"
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Shraddha Murder case: कैसे हुआ अपराध का खुलासा?

कथित रूप से आफताब ने श्रद्धा की हत्या मई 2022 में की लेकिन 6 महीने तक उसकी परिवार को कोई भनक नहीं थी. सितंबर में श्रद्धा के दोस्त ने उसके भाई को बताया वो दो महीने से संपर्क में नहीं है. श्रद्धा का फोन बंद है और वो सोशल मीडिया पर भी एक्टिव नहीं है. श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने क्विंट से बात करते हुए कहा है कि

"जब मेरी बेटी के नंबर पर मेरा संपर्क नहीं हुआ, तो मैं आखिरकार मुंबई पुलिस के पास गया उन्होंने मुझसे बार-बार पूछा कि पहले क्यों नहीं आए... पुलिस ने बताया उसके आखिरी कॉल रिकार्ड के अनुसार वो दिल्ली में थी, इसलिए केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया है"

कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब अपनी नई गर्ल फ्रेंड को अपने घर लाया था जबकि उसी समय श्रद्धा के शरीर के टुकड़े फ्रिज में रखे हुए थे.

साउथ दिल्ली के एडिशनल डीसीपी अंकित चौहान के अनुसार "8 नवंबर को मुंबई पुलिस की सूचना के बाद हमने एक गुमशुदगी का केस दर्ज किया और तफ्तीश शुरू की. हमने उसके लिव-इन पार्टनर को ट्रेस किया जब हम उसे पूछताछ के लिए लाए तो पहले उसने कहा कि उनके बीच झगड़ा हुआ था, उसके बाद वो चली गई."

"फिर जब हमने सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात कबूल की"
अंकित चौहान, एडिशनल डीसीपी (साउथ) दिल्ली

पुलिस का दावा है उन्हें दक्षिण दिल्ली में महरौली के जंगल से शरीर के 13 हिस्से मिले हैं. ये अत्यधिक विघटित हैं और इनकी फॉरेंसिक टीम जांच करेगी. अंकित चौहान के अनुसार "कुछ और सबूत उनके घर के पास जंगल और डंपिंग ग्राउंड से मिले हैं. उनकी जांच की जा रही है"

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Shraddha Murder case:  आफताब पर एक्शन 

आफताब को 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया है. उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण), धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (अपराध के सबूत मिटाना) के तहत केस दर्ज किया गया है.

आफताब के परिवार के दोस्त ने क्विंट को बताया कि "आफताब के परिवार और दोस्तों ने कहा उन्हें इस अपराध के बारे में कुछ नहीं पता. उसके मां-बाप ने आफताब और श्रद्धा के रिश्ते को नामंजूर कर दिया था. उसने उन्हें नहीं बताया कि वह श्रद्धा के साथ दिल्ली जा रहा है. जुलाई में उसने कहा था कि उसने उससे ब्रेक-अप कर लिया है और दिल्ली चला गया है. हम में से किसी ने भी शक नहीं किया, जब तक उसके मां-बाप को एक गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद वसई पुलिस स्टेशन नहीं बुलाया गया".

दूसरी तरफ श्रद्धा ने अपने पिता या भाई को कभी नहीं बताया कि 'आफताब उसके साथ हिंसा करता था'.

श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने क्विंट से कहा है कि "उसने मुझे कभी इस हिंसा के बारे में नहीं बताया. मुझे ये तब पता चला जब वो गायब हो गई. उसके दोस्तों ने मुझे बताया कि

आफताब उसके साथ हिंसा करता था, उसे अक्सर पीटता था, और उनके बीच अच्छा रिश्ता नहीं था. हमने उसे इस रिश्ते को खत्म करने के लिए कहा, लेकिन हम कामयाब नहीं हुए. अगर उसने ही मेरी बेटी को मारा है और तफ्तीश में वो अपराधी साबित होता है तो हम चाहेंगे उसे फांसी दी जाए".

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