इस दौर में हर नेता 'तू बुरा-तू बुरा' का शोर मचाता क्यों दिखाई देता है? क्यों हम अपनी जिंदगी में यही सोचते रह जाते हैं कि सारी गलतियों की वजह कहीं बाहर है, हम पाकसाफ हैं. क्या हम अपने आसपास के हालात में सुधार से पहले खुद को सुधारने की पहल कर सकते हैं? ताजा राजनीतिक माहौल पर क्या सोचते हैं भारतीय पौराणिक कथाओं को नये नजरिये से देखने वाले देवदत्त पट्टनायक. जानिए, हर शुक्रवार सुबह 9 बजे, क्विंट हिंदी की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर.
क्या कुछ खास होगा इस शो में?
देवदत्त पट्टनायक, भारतीय माइथोलॉजी को आसान और आज के संदर्भ में ढालकर समझाने के लिए जाने जाते हैं. बेस्टसेलर लेखक, देवदत्त क्विंट हिंदी पर, अपनी तरह के इकलौते शो- सोल-खोल में आपको जिंदगी के फलसफे तो समझाएगा ही, साथ ही आज के सामाजिक-राजनीतिक माहौल को बेहतर समझने में भी मदद करेगा.
- इस दौर में कौन है देव, कौन है शैतान?
- क्या आज के आधुनिक राजाओं को रास नहीं आती आलोचना?
- नेताओं का जोर चुनाव जीतने पर है, लेकिन चुनाव के बाद का क्या?
ऐसी ही तमाम दिलचस्प सवालों के जवाब आपको मिलेंगे हर शुक्रवार सुबह 9 बजे क्विंट हिंदी पर
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)