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Me, The Change के मंच से निर्भया की मां ने फिर उठाई हक के लिए आवाज

‘मी, द चेंज’, एक ऐसा कैंपेन जो पूरे भारत में पहली बार वोट देने वाली महिला मतदाताओं के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है.

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द क्विंट के खास ‘Me, The Change’ इवेंट में निर्भया की मां आशा देवी ने आज के दौर में महिलाओं की सुरक्षा और संघर्ष पर खुलकर बात की. क्विंट और फेसबुक ने मी, द चेंज लॉन्च किया है, एक ऐसा कैंपेन जो पूरे भारत में पहली बार वोट देने वाली महिला मतदाताओं के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है.

आशा देवी ने ‘Me, The Change’ के मंच के जरिये कहा, “मैं एक मजबूत महिला नहीं थी लेकिन बेटी की मौत ने मुझे ताकत दी ताकि मैं महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ सकूं.”

लोग कहते है कि मैं बहुत ताकतवर हूं. मै ताकतवर नहीं हूं. मुझे मेरी बेटी के दुख ने ताकत दिया है. मैं ताकतवर इसलिए बनना चाहती हूं कि सारे देश की बच्चियां बुलंद हों और निडर हों.
आशा देवी, निर्भया की मां

हमें इंसाफ का इंतजार है

मैं अपनी बेटी के इंसाफ के लिए सबके पास गई, बहुत लोगों से मिली, कई कार्यक्रम में बोली. मैंने कभी नहीं कहा कि मेरे बेटे को नौकरी चाहिए या मेरे पति को नौकरी चाहिए. मैंने हर मंत्री, हर नेता से हाथ जोड़कर सिर्फ इंसाफ मांगा. आज भी मैं 2012 में खड़ी हूं, मुझे इंसाफ नहीं मिला. हम अपना हक नहीं छोड़ेंगे. एक न एक दिन इंसाफ जरूर मिलेगा.
आशा देवी, निर्भया की मां

महिला सुरक्षा पर देश में होने वाली राजनीति पर सवाल उठाते हुए आशा देवी ने कहा:

“जब भी चुनाव आता है बहुत सारे वादे होते हैं. महिलाओं और बच्चियों के लिए स्कीम निकाली जाती है. लेकिन कोई उस महिला या बच्ची का जिक्र नहीं करता जो इसी देश के किसी कोने में अपना दम तोड़ देती है. अगर वाकई में आप महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षित करना चाहते है तो महिला सुरक्षा और बच्चियों के शिक्षा का वादा पूरा करें.”

रेपिस्टों के लिए सख्त कानून की मांग पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा:

आए दिन हमारे सामने कानून बनाकर पेश कर दिया जाता है कि हमने 12 साल की बच्चियों के रेप के लिए कानून बना दिया. मैं सिर्फ यहीं कहना चाहूंगी की अगर हजार कानून आप बनाएंगे और एक पर भी अमल नहीं करेंगे तो उस कानून का कोई फायदा नहीं है. जो हमारे शासन, प्रशासन और न्याय व्यवस्था में बैठे लोग हैं सबसे पहले उनका माइंडसेट बदलने की जरूरत है.
आशा देवी, निर्भया की मां

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