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हैप्पी टीचर्स डे? स्कूलों में बच्चे हैं, लेकिन शिक्षक नहीं

देश के सरकारी स्कूलों में हर 6 में से एक शिक्षक पद खाली है.

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टीचर्स डे- वो दिन जब देश के हर स्कूल में बच्चे अपने टीचर्स को शुक्रिया अदा करते हैं. शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम होते हैं और जश्न मनाया जाता है. लेकिन उन बच्चों का क्या जिनके लिए स्कूल तो हैं लेकिन पढ़ाने के लिए टीचर नहीं?

भारत में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के सरकारी स्कूलों में हर 6 में से एक शिक्षक पद खाली है.

अगर राज्यों की बात करें तो झारखंड में हर सात में से तीन शिक्षक पद खाली हैं. यही वजह है कि रांची के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल से ज्यादा ट्यूशन पर निर्भर हैं.

मेरी क्लास में दो टीचर हैं. मुझे अंग्रेजी में दिक्कत आती है, जिसके लिए मैं ट्यूशन लेती हूं.
इंदु कुमारी, छात्रा 
टीचर नहीं है इसलिए कॉमर्स नहीं पढ़ पाए. जबकि वो मेरा अच्छा सब्जेक्ट था. शिकायत की, लेकिन कोई टीचर नहीं आया. हम कोचिंग के सहारे पढ़ते हैं.
प्रिया, छात्रा

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के 50 फीसदी पद खाली हैं. वहीं, बिहार में हर तीन में से एक पद खाली है. यही नहीं, यूपी और बिहार दोनों राज्यों में, 60 बच्चों पर एक शिक्षक है.

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