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TRP में घोटाला हो तो सबसे ज्यादा नुकसान किसका?

भारत में पहले से ही ‘घोटालों’ की लंबी सूची है, और इसी सीरिज में सबसे नया नाम जुड़ा है ‘टीआरपी घोटाला’

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वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम

भारत में पहले से ही 'घोटालों' की लंबी सूची है, और इसी सीरिज में सबसे नया नाम जुड़ा है 'टीआरपी घोटाला'. खैर, ये बिल्कुल नया नहीं है. टीआरपी प्रणाली में न केवल समस्याएं हैं, बल्कि इसमें हेरफेर करना भी आसान है.

नंबर एक चैनल बनने की दौड़ लगी हुआ है, लेकिन टीआरपी में हेरफेर हमें कैसे प्रभावित कर रहा है हम इसे समझने की कोशिश करते हैं.

टीआरपी क्या है?

TRP या टेलीविजन रेटिंग पॉइंट, अधिकांश चैनलों के लिए उपयोग किया जाने वाला उपकरण है, जो दर्शकों के नजरिए से टेलीविजन की रेटिंग मापता है. कई एजेंसियां हैं जो टीआरपी को मापती हैं, अधिकांश चैनल ब्रॉडकास्टिंग ऑडियंस रिसर्च काउंसिल या BARC को फॉलो करते हैं.

वो हर गुरुवार को अलग-अलग टीवी सेगमेंट के लिए डेटा जारी करता है, यही कारण है कि आप अक्सर टीवी समाचार चैनलों को विज्ञापन देते हुए देखते हैं कि वो अपने चैनलों और अन्य मीडिया को 'सबसे ज्यादा देखे जाने वाला' है.

टीआरपी कैसे मापा जाता है?

टीआरपी को एक टीवी सेट से जुड़े मीटर का उपयोग करके मापा जाता है, जो ये देखता है कि किस समय और कितने समय तक वो शो देखा जा रहा है. पढ़ने में काफी सरल लगता है? जबकी आपको बता दें कि टीआरपी मीटर केवल 44,000 टीवी सेटों से जुड़ा हुआ है, एक ऐसे देश में जहां 200 मिलियन से अधिक घरों में टीवी हैं.

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