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Turkey: 3 प्लेटों के जोड़ पर बसा तुर्की, समझें यहां बार-बार भूकंप क्यों आते हैं?

Turkey-Syria Earthquake Explained: भूकंप के कारण तुर्की-सीरिया में मरने वालों की संख्या 5000 से अधिक हुई

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Turkey-Syria Earthquake: तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से 11000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अभी ये आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ सकता है. अभी तुर्की और सीरिया 7.8 की तीव्रता वाले जानलेवा भूकंप के झटके से उबरा भी नहीं था कि स्थानीय समयानुसार दोपहर के लगभग 1:30 बने एक नया 7.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह "आफ्टरशॉक नहीं" था.

इस भूकंप ने तुर्की में साल 1939 में आए शक्तिशाली भूकंप की याद दिला दी, जिसने 30,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी.

आइए समझने की कोशिश करते हैं कि तुर्की और सीरिया के इस इलाके में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं? इसबार का भूकंप इतना घातक क्यों था? भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स क्यों आते हैं?

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Turkey Earthquake: भूकंप क्यों आते हैं?

लगभग सभी भूकंप धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेटों की गति/मूवमेंट के कारण आते हैं. पृथ्वी के आउटरशेल के ये विशाल टुकड़े लगातार एक दूसरे से टकराते रहते हैं या घर्षण करते हैं. कभी-कभी घर्षण के कारण दो प्लेटें आपस में 'अटक' जाती हैं. जब दबाव के निर्माण के कारण ये प्लेटें अंततः एक-दूसरे से फ्री हो जाती हैं तो भारी मात्रा में ऊर्जा रिलीज होती है, जिसे हम भूकंप के रूप में अनुभव करते हैं. यही कारण है कि अधिकांश भूकंप आमतौर पर विवर्तनिक/टेक्टोनिक प्लेटों के किनारे, भ्रंश रेखाओं पर बसे क्षेत्र में आते हैं.

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Turkey Earthquake: तुर्की, भूकंप के लिए संवेदनशील क्यों है?

तुर्की दुनिया के सबसे भूकंप संभावित देशों में से एक है. तुर्की में बार-बार भूकंप आने के पीछे का कारण दरअसल उसका लोकेशन है. तुर्की का लोकेशन इसे तीन अलग-अलग टेक्टोनिक प्लेटों के ठीक ऊपर खड़ा करता है.

Turkey-Syria Earthquake Explained: भूकंप के कारण तुर्की-सीरिया में मरने वालों की संख्या 5000 से अधिक हुई

तुर्की और सीरिया के आसपास मौजूद भ्रंश रेखाएं/फॉल्ट लाइन्स

(फोटो-American Geophysical Union)

इसके उत्तर में यूरेशियन प्लेट है, दक्षिण में अफ्रीकी प्लेट है जबकि इसके पूर्व में अरेबियन प्लेट है. दरअसल अरब प्लेट यूरेशियन प्लेट को धक्का देता है, जिससे तुर्की बड़े भूकंपों का अनुभव करता है. उत्तरी Anatolian fault line तुर्की के उत्तर में स्थित है और पश्चिम से पूर्व की ओर जाती है जबकि पूर्वी Anatolian fault line देश के बाकी दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में स्थित है. पूर्वी Anatolian fault line के ऊपर ही सोमवार का भूकंप आया था.
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Turkey Earthquake: इसबार का भूकंप इतना घातक क्यों था?

साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन के अनुसार, सोमवार को आये भूकंप में एक फॉल्ट टूटा था जो अपेक्षाकृत ऊपर था मतलब बहुत ज्यादा गहरा नहीं था. यह पृथ्वी की सतह से लगभग 18 किमी नीचे था और इस वजह से इसका कंपन अधिक तीव्रता से महसूस हुआ.

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, 1970 के बाद से इस स्थान के 250 किमी के भीतर रिक्टर स्केल पर 6 से अधिक के केवल तीन भूकंप आए हैं. सोमवार को आया भूकंप उन भूकंपों की तुलना में काफी बड़ी है, जिन्हें क्षेत्र ने पहले अनुभव किया है. इस क्षेत्र में इससे पहले दर्ज किए गए सबसे बड़े भूकंप की तुलना में इस बार के भूकंप ने दोगुनी से अधिक ऊर्जा/एनर्जी रिलीज की है.

भूकंप में लोगों के मरने का एक मुख्य कारण ईंटों और सीमेंट के मलबे का गिरना और उसके नीचे दब जाना है. USGS के अनुसार, दक्षिणी तुर्की की आबादी ऐसी मकानों/बिल्डिंग्स में रहती है जो भूकंप के झटकों के लिए बेहद संवेदनशील हैं.

ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे से जुड़े रोजर मुसन ने न्यूज एजेंसी AP को बताया कि भूकंप का प्रभाव इतना घातक होने का एक और कारण यह था कि यह तड़के सुबह उस समय आया जब लोग सो रहे थे और वे ढहते मकानों के नीचे फंस गए थे.

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Turkey Earthquake: जानलेवा भूकंप का खूनी इतिहास

अक्टूबर 2011- ईरानी बॉर्डर के करीब बसा वान का क्षेत्र दशकों से भूकंपों से विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यहां अक्टूबर और नवंबर 2011 में दो भूकंप आए थे, जिससे 900 से अधिक लोगों की जान चली गई थी.

अगस्त 1999- तुर्की के पश्चिमी शहर इज़मित में आए 7.4 तीव्रता के भूकंप में 17,000 से अधिक लोग मारे गए.

नवंबर 1976- इस भूकंप का केंद्र पूर्वी तुर्की के वान प्रांत में मुरादिये से 20 किमी उत्तर-पूर्व में कैलडीरन के पास था. भूकंप में मरने वालों की संख्या 4,000 और 5,000 के बीच थी जबकि भूकंप की तीव्रता 7.3 थी.

दिसंबर 1939- 27 दिसंबर 1939 को तुर्की में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.2 दर्ज की गई थी और यह देश के इतिहास में अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है. इसके कारण 30,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी.

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'भूकंप के बाद भूकंप', आफ्टरशॉक्स क्यों आते हैं?

बड़े भूकंपों के बाद, कई छोटे भूकंप आते हैं, जिन्हें आफ्टरशॉक्स के रूप में जाना जाता है. इसके पीछे के कारण यह है कि पहला बड़ा भूकंप आने के बाद पृथ्वी की ऊपरी परत पैदा हुए तनाव के हिसाब से खुद को थोड़ा आगे-पीछे करती है. द जर्नल के अनुसार, तुर्की लगभग 200 से अधिक आफ्टरशॉक्स से हिल गया है.

आफ्टरशॉक्स आमतौर पर मुख्य झटके से काफी छोटे होते हैं, लेकिन इसके समान रूप से विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. इसका कारण है कि पहले भूकंप से क्षतिग्रस्त हो चुके मकान, इंफ्रास्ट्रक्चर को और नुकसान पहुंचता है और इससे बचाव के प्रयासों में बाधा आ सकती है.

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