वीडियो एडिटर: राहुल शांपुई
प्रोड्यूसर: आस्था गुलाटी
बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की सुपर हिट फिल्म थ्री इडियट्स में फुंसुंक वांगडू की एक्टिंग सभी को याद होगी. फुंसुक वांगडू एक भारतीय वैज्ञानिक थे जिनकी जापानी वैज्ञानिकों को भी तलाश थी. कुछ इसी तरह से उदयपुर के एक कृषि वैज्ञानिक का नाम भी सामने आया हैं जिनके एक प्रोजेक्ट को जापानी सरकार अपने देश में भी शुरू करना चाहती है. आइए आपको मिलवाते हैं लेकसिटी उदयपुर के फुंसुक वांगडू से.
नारायण लाल गुर्जर, एक एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट हैं जिन्होंने जापानी सरकार को बहुत इम्प्रेस किया है और इतना ही नहीं जापानी सरकार नारायण और उनके पार्टनर के साथ मिल कर उनके प्रोजेक्ट को अपने देश में भी शुरू करना चाहती है.
राजस्थान के उदयपुर में महाराणा प्रताप कृषि- प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सीटीएई कॉलेज में पढ़ रहे नारायणलाल गुर्जर की टीम को जापान की ओकिनावा विश्वविद्यालय की ओर से एक्सीलेटर प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए न्योता मिला. दरअसल दिन-रात की अपनी मेहनत और लगन से तैयार किए नारायाण के प्रोजेक्ट से फसलों में कम पानी में भी अधिक उत्पादन लिया जा सकता है.
नारायणलाल ने बताया कि उन्होंने वेस्ट मैटेरियल से वाटर रिटेशन का सिस्टम ईजाद किया. जो बंजर और सूखी जमीन में प्रयोग करने पर मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनाए रखता है. इससे फसल सूखती नहीं है और यह नवाचार कम पानी में ज्यादा पैदावार देने के लिए सहायक है.
क्या है ये तकनीक?
इस प्रोजेक्ट में सब्जियों, फलों और फसलों के अपशिष्ट का मिश्रण है, जिसमें गन्ने के छिलके,वेस्ट सब्जियां और फलों को शामिल कर इसका एक सूखा मिश्रण बनाया जाता है. इस प्रोजेक्ट को बंजर जमीन, कम बारिश और सूखा ग्रस्त इलाकों में आसानी से काम में लिया जाता है. यही नहीं इस प्रोजेक्ट को मिटटी के साथ मिलाकर जमीन में डाल दिया जाता हे जो कि पानी को संरक्षित कर लेता हे. जब प्लांट को पानी की जरूरत होती है तब वह इस प्रोजेक्ट की मदद से पानी की पूर्ति कर लेता है.नारायण लाल गुर्जर
देश की एक मुख्य समस्या में शामिल सूखे पर बनाए गए इस प्रोजेक्ट के मार्फत नारायण ने अपना नाम देश ही नहीं विदेश में भी रोशन किया है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट से पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में फसलों की अच्छी पैदावार की नई संभावनाओं ने भी जन्म लिया हे
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