25 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में जिला जज यशवंत कुमार के कोर्टरूम में निर्भया के माता-पिता ने निर्भया केस को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की. मामले में अब 28 नवंबर को सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. निर्भया के माता-पिता ने 14 दिसंबर 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर चारों दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट में जज की कमी के कारण दो महीने तक मामले की सुनवाई नहीं हुई.
25 नवंबर को निर्भया के माता-पिता की वकील की याचिका पर सुनवाई हुई. वकील ने मामले को दूसरे एडिशनल सेशन जज के पास ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की थी.
13 दिसंबर को एक एप्लीकेशन दायर की थी, जिसमें निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा जल्द सुनाए जाने की मांग की थी. पिटीशन पर पिछले एक साल से सुनवाई चल रही थी. लेकिन पिछले दो ढाई महीने से कोर्ट खाली है. जिसके बाद मैंने जिला जज की अदालत में एक ट्रांसफर पिटीशन दायर की.इसे मंजूर कर लिया गया है,अब मामले की सुनवाई 28 नवंबर को एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा की अदालत में होगी. ”सीमा समृद्धि कुशवाहा, वकील
निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि अदालत को दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देनी चाहिए.
मैं अपनी बेटी और अपने परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले सात सालों से संघर्ष कर रही हूं. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मेरी अपील है कि दोषियों की दया याचिकाओं को खारिज करें और उन्हें जल्द से जल्द फांसी दे.आशा देवी, निर्भया की मां
16 दिसंबर 2012 को नई दिल्ली में निर्भया के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. दोषियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य नाबालिग दोषी को सुधार गृह भेजा गया था. उसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था.
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