वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
कोई करोड़पति, कोई अरबपति, फिर भी इनकम टैक्स नहीं-ये है खास जिंदगी
लेकिन मेट्रो से लेकर लोकल ट्रेन में धक्के खाते आम भारतीय को भी इनकम टैक्स देना पड़ता है-ये है आम जिंदगी
जब पता चला कि यूपी में मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का इनकम टैक्स जनता की जेब से भरा जा रहा है तो लोग चौंक गए.
आपको करंट लगेगा ये जानकर कि यूपी ही नहीं देश में और और भी पांच राज्य हैं जहां सरकार मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का इनकम टैक्स भर रही है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मंत्री जी कितने अमीर हैं, मंत्री हैं तो टैक्स नहीं देना पड़ता. इतना ही नहीं, कुछ राज्यों में ये तो छूट मंत्री जी के डिप्टी और सचिवों को भी दे दी गई है. देखिए क्विंट की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
उत्तराखंड
उत्तराखंड चूंकि यूपी से अलग होकर बना इसलिए वहां भी मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को नो टैक्स का नियम लागू रहा. 2010 में जब उत्तराखंड ने अपना कानून लागू किया तब भी 'जनहित' में टैक्स छूट को जारी रखा.
पंजाब
यहां की जमीन बहुत ही ऊपजाऊ है, लेकिन असली फसल तो नेता काट रहे. पंजाब में तो मंत्रियों ही नहीं, पार्लियामेंट्री सेक्रेटरीज का टैक्स भी सरकार भरती है. यूपी में ये कानून 1981 से है लेकिन पंजाब में तो ऐसा कानून 1976 से ही है.
19 मार्च 2018 को पंजाब कैबिनेट ने इन प्रावधानों को खत्म करने का फैसला किया. हालांकि संशोधन अभी कानून नहीं बना है. 6 अगस्त 2019 को पंजाब विधानसभा ने नया बिल पारित किया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि इन अधिकारियों के भत्तों और घरों पर आयकर का भुगतान सरकार करती रहेगी.
हरियाणा
हरियाणा में भी मंत्रियों को टैक्स से राहत है.यहां 1970 से ही ये कानून लागू है. MLA के तौर पर मिलने वाले भत्ते पर भी कोई इनकम टैक्स नहीं लगता.
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में मंत्रियों को इकनम टैक्स से छूट देने वाला कानून 1981 से ही लागू है. ताज्जुब है कि केंद्र सरकार ने नेशनल इंटरेस्ट और जनता की भलाई के लिए जो जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 में लाया, उसमें भी ये छूट जारी है.
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल में 1971 से मंत्रियों और उप मंत्रियों को इनकम टैक्स से छूट थी, लेकिन 2000 में बने नए कानून के तहत अब सिर्फ मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार भरती है.
तो अगली बार इन राज्यों के कोई मंत्री महोदय चुनावी हलफनामे में बताएं कि उनकी संपति पांच साल में दो गुनी या चार गुनी हो गई तो चौंकिएगा मत. एक वजह ये भी हो सकती है.
क्या ही अजीब है कि एक तरफ एक बिजनेसमैन टैक्स टेरर से तंग आकर खुदकुशी कर लेता है और दूसरी तरफ नेता टैक्स फ्री जिंदगी का मजा ले रहे हैं. क्या विडम्बना है कि इकनॉमी को रफ्तार देने के लिए जनता को टैक्स में छूट की मांग हो रही है और छूट मिली हुई है नेताओं को.
हल्ला मचने के बाद यूपी सरकार ने टैक्स से राहत देने वाले कानून को बदलने की बात कही है. क्या बाकी के 5 राज्य भी ऐसा करेंगे? क्या कम से कम हरियाणा का वोटर इस बार इसे चुनावी मुद्दा बनाएगा?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)