“सीएम योगी का शासन अधिनायकवादी, बहुसंख्यकवादी बन गया है. पसंदीदा अधिकारियों के साथ मिलकर पर्सनल एजेंडा को पूरा कर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ ने पावर का गलत इस्तेमाल किया. जो खिलाफ गया उसपर एफआईआर, NSA, UAPA लगा दिया.”
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने क्विंट से खास बातचीत की है.
बता दें कि पुलिस से जुड़ी खामियों को अक्सर गिनाने वाले यूपी के आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर को केंद्र सरकार ने इसी साल मार्च के महीने में तत्काल प्रभाव से रिटायर करने का आदेश दिया था. जिसके बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने घर के बाहर नेम प्लेट पर 'जबरिया रिटायर्ड' लिखवा लिया था
1992-बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की सात साल से ज्यादा की नौकरी बाकी थी.
अमिताभ ठाकुर ने क्विंट से अपना खास इंटरव्यू में कहा, "नीतीश कुमार, राम विलास पासवान, मुलायम सिंह ने बिना किसी बैकअप के राजनीति में जगह बनाई. मुझे भी पता है मैं क्या कर रहा हूं. मैं भी जानता हूं कि मुझे वोट कम आ सकते हैं, लेकिन इतना जरूर है कि चुनाव में योगीजी के गलत को सामने लाऊंगा और पूरी ईमानदारी से लड़ूंगा."
योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ही चुनाव क्यों लड़ना है?
बता दें कि साल 2015 में अमिताभ ठाकुर ने मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. हालांकि 2017 में उनका सस्पेंशन रद्द कर दिया गया था. जब क्विंट ने अमिताभ ठाकुर से अखिलेश यादव की बजाय योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव क्यों लड़ना है पूछा तो उन्होंने कहा,
मुझे वक्त से पहले मुझे रिटायर किया गया. न मेरा स्वास्थ खराब था न मेरी समझ कमजोर हुई थी. मैं ज्यादा एक्टिव था इसलिए मुझे रिटायर किया गया. अखिलेश यादव ने कभी अलोकतांत्रिक एक्शन नहीं लिया. योगी सरकार में विचार रखना जुर्म है, ऐसा अखिलेश यादव के शासन में नहीं था.'
आगे अमिताभ ठाकुर कहते हैं कि वो अकेले रहें तब भी चुनाव लड़ेंगे. हालांकि उन्होंने बताया कि उन्हें पीस पार्टी ने समर्थन देने का ऐलान किया है, साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ने पार्टी में आने का न्योता दिया है.
अमिताभ ठाकुर ने ये भी साफ किया कि अखिलेश यादव, मायावती या कांग्रेस जो भी उन्हें टिकट देगा वो उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने का सोच सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)