उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का दौलतपुर गांव, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से नाराज है. गांव वाले खुद को ठगा महसूस करते हैं. दरअसल, 2008 में बिग-बी अपने परिवार के साथ दौलतपुर गांव पहुंचे थे और उन्होंने ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम पर डिग्री कॉलेज का शिलान्यास किया था. इस दौरान समाजवादी पार्टी के तत्कालीन नेता अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव भी वहां मौजूद थे.
एक दशक बाद ‘अमिताभ का कॉलेज’ तो नहीं बन पाया लेकिन गांव वाले पैसा इकट्ठा करके, अपना सपना पूरा करने की दहलीज तक जरूर पहुंच गए.
क्विंट के संवाददाता विक्रांत दुबे ने जब लोगों से बात की, तो उन्होंने बताया कि 10 साल पहले जब इस कॉलेज की नींव रखी गई थी तो उन्हें लगा था कि गांव का विकास होगा और बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन अमिताभ बच्चन ने अपना वादा पूरा नहीं किया और जमीन आज भी वैसी ही पड़ी है.
क्यों नहीं बन पाया कॉलेज?
गांववालों के मुताबिक कॉलेज न बनने की दो वजह हो सकती हैं
- पहला, हो सकता है कि अमिताभ बच्चन, प्रधानों की राजनीति का शिकार हुए हों
- दूसरा, अमर सिंह से दूरियां बढ़ना भी बड़ी वजह
दौलतपुर गांव के प्रधान और अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान के सचिव अमित सिंह का कहना है कि बिग बी ने कॉलेज बनाने की जिम्मेदारी निष्ठा फाउंडेशन को दी थी. इसकी अध्यक्ष जया बच्चन हैं. लेकिन निष्ठा फाउंडेशन ने कॉलेज नहीं बनाया और इसकी जिम्मेदारी अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान को दिलवाई.
अमित सिंह के मुताबिक,
शुरुआत में गांव के लोग अमिताभ बच्चन के खिलाफ थे और उन्हें मुकदमेबाजी में फंसा दिया. अमिताभ बच्चन की अमर सिंह से दूरियां भी इस कॉलेज के न बनने की एक वजह हो सकती है.
जब अमिताभ बच्चन और उनके संस्थान की तरफ से कॉलेज का काम रुक गया तो दौलतपुर गांव के लोगों ने खुद अपना एक डिग्री कॉलेज बनाने का फैसला लिया. इसके लिए लोगों ने फंड इकट्ठा किया और अब इस कॉलेज का काम लगभग पूरा हो चुका है. गांववालों ने इस कॉलेज को अमिताभ बच्चन के प्लॉट के बेहद करीब बनाया है.
नए कॉलेज के संस्थापक राम मिलान शुक्ला के मुताबिक, जुलाई से कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
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