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फैज अहमद:जिनके विचारों के आगे जेल की मजबूत दीवारें भी कमजोर हो गईं

सदी के महाकवि फैज अहमद फैज का जिक्र छिड़ते ही, उनकी मधुर कविताएं गुनगुनाने लगती है.

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सदी के महाकवि फैज अहमद फैज का जिक्र छिड़ते ही, उनकी मधुर कविताएं याद आने लगती हैं. उनकी शायरी उर्दू के मशहूर शायरों मीर, गालिब, इकबाल, जोश और फिराक की तरह भारत ही नहीं पूरी दुनिया में लोकप्रिय है. फैज का जन्म 13 फरवरी 1911 में सिलालकोट पाकिस्तान में हुआ, जो तब हिंदुस्तान का हिस्सा हुआ करता था. उनके वालिद सुल्तान मोहम्मद खान एक मशहूर वकील होने के साथ- साथ एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे. एक रईस जागीरदार खानदान में जन्मे फैज का बचपन सभी तरह के ऐशोआराम में गुजरा.

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फैज उर्दू पारसी और अरेबिक भाषा के महान कवि थे, उन्होंने अरबी भाषा में ग्रेजुएशन किया और मास्टर्स अंग्रेजी में की थी. यही नही उन्होंने अरबी भाषा में मास्टर्स भी किया. उनकी कविताएं रूसी भाषा में भी ट्रांसलेट हुई और उन्हें 1963 में लेनिन पीस प्राइज से नवाजा गया. फैज का नाम उर्दू भाषा के महान और प्रसिद्ध कवियों में गिना जाता है. भारत के विभाजन के बाद वे पाकिस्तान चले गए. जहां उन्हें हमेशा उनके बगावती लेखन के चलते गिरफ्तार करके जेल में रखा गया. मगर जेल की मजबूत दीवारें भी फैज के विचारों की धार कमजोर नहीं कर पाईं, बल्कि उनकी कविताएं हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन गईं.

अपनी कविताओं के जरिए फैज आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. फैज को चाहने और गुनगुनाने वालों की फेहरिस्त लंबी है. बॉलीवुड के कई सितारों ने उनकी कविताओं को अपनी आवाज से सजाया है.

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