रिपोर्टर: स्मिता टीके, ज़िजाह शेरवानी
कैमरा: अथर राथर, संजॉय देब
वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
इस दिवाली पर, हमने अपने दर्शकों से एक साधारण सा सवाल पूछा - क्या वे उन लोगों के लिए कुछ कर सकते हैं जो उनसे कम भाग्यशाली हैं, क्या वे उन्हें इस त्योहार के सीजन में बेहतर जीवन का तोहफा दे सकते हैं?
ये हमारे कैंपेन ‘दिल वाली दिवाली’ के पीछे का विचार था कि उन लोगों के जीवन में रोशनी बिखेरी जाए, जिनपर महामारी और उसके बाद होने वाले लॉकडाउन का सबसे ज्यादा बुरा असर हुआ है.
हमने अपने दर्शकों के साथ विश्वास का रिश्ता बनाया है और हमें यकीन था कि आप में से कई लोग हमारे साथ कदम बढ़ाएंगे और उनकी मदद करेंगे जो हमसे कम भाग्यशाली हैं.
क्विंट ने उन लोगों और परिवारों पर तीन कहानियां दिखाईं, जिनके लिए हम फंड जुटाना चाहते थे.
पंद्रह साल का सुभान डिजिटल डिवाइड के गलत मोड़ पर है. उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी क्योंकि ऑनलाइन क्लास के लिए घर पर सभी के लिए मोबाइल फोन नहीं थे, वो चाहता था कि उसकी दो छोटी बहनें पढ़ाई करें.
रवींद्र सपकाले धारावी में एक COVID वॉरियर थे, जो लॉकडाउन के दौरान गरीबों और बेघरों को खाना खिला रहे थे. लेकिन उन्होंने खुद ही संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया. उनके परिवार को दो बच्चों का किराया और शिक्षा देने के लिए कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह की जरूरत है. रवींद्र की मौत के साथ, उन्होंने केवल एकमात्र कमाई करने वाले सदस्य को नहीं खोया, बल्कि एक सुरक्षित भविष्य की उम्मीद भी खो दी.
तमिलनाडु के कोवातूर में, कुछ प्रतिभाशाली लड़कियों के जीवन से महामारी ने लगभग खेल छीन ही लिया. कबड्डी टीम की सभी लड़कियों को खेल के साथ जारी रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था, जिसे वे प्यार करती थीं. उनके पास जूते, जर्सी, उचित खान-पान नहीं था, यहां तक
कि स्कूली शिक्षा भी नहीं ले पा रहीं थीं.
जैसी कि उम्मीद थी, दुनिया भर के हमारे दर्शकों ने दिवाली पर अपने 'दिल' और पर्स खोल दिए. तीन कहानियों में दिखाए बच्चों का समर्थन करने के लिए लगभग 6 लाख रुपये जुटाए गए. अभिनेत्री शायोनी गुप्ता ने सुभान को एक फोन गिफ्ट किया और अपने स्कूल के खर्च भी वहन करने का आश्वासन दिया.
मुझे सबसे ज्यादा इस बात ने प्रभावित किया कि वो परिवार का सपोर्ट करने की कोशिश कर रहा था. काम की गरीमा को समझने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार था. अपने परिवार के लिए वो उस काम को करने के लिए तैयार था. वो कैसे अपनी दोनों बहनों को पढ़ाना चाहता था, इस बात ने मुझे काफी प्रभावित किया.शायोनी गुप्ता, एक्टर
धर्मपुरी से डीएमके सांसद डॉ. सेंथिलकुमार ने अतिरिक्त पोषण के लिए कोवातूर की कबड्डी खेलने वाली लड़कियों को आर्थिक मदद देने और टूर्नामेंट के लिए अन्य जिलों की यात्रा करने की पेशकश की. उन्होंने टीम के लिए उच्च शिक्षा, सुनिश्चित कस्टम-निर्मित जर्सी और प्रशिक्षण गियर के लिए फंड का वादा भी किया.
दिवाली के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए क्विंट ने एक बहुत अच्छी पहल शुरू की है.सार्थक साहू, ‘दिल वाली दिवाली’ कैंपेन के लिए डोनेट करने वाले
हम अपने सभी दर्शकों का धन्यवाद करना चाहते हैं जिन्होंने ‘दिल वाली दिवाली ’ कैंपेन में योगदान दिया. हमेशा हमारे दर्शकों ने दिखाया है कि जब भी किसी को मदद की जरूरत होगी, वे वहां मौजूद हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)