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गुजरात की आवाज: ‘GST से हम परेशान’, ‘पढ़े-लिखे लोग बेरोजगार’

‘गुजरात की आवाज’ में जनता बताती है अपने मुद्दे

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गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है. इसके मद्देनजर तमाम राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने की कोशिश में लगी हैं.

क्विंट ने गुजरात विधानसभा से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने की खास तैयारी की है. हम गुजरात की आम जनता से बात करके उसके मन की बात आप तक पहुंचा रहे हैं. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.

देखिए- रोजगार से लेकर नोटबंदी जैसे मुद्दों पर क्या है लोगों की राय?

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नौकरी है नहीं, इसलिए पढ़े-लिखे लोग खाली हैं: HR प्रोफेशनल

36 साल की श्वेता गोयल गुजरात के अहमदाबाद में एचआर प्रोफेशनल हैं. उनका कहना है कि गुजरात में जॉब मार्केट में पिछले एक दशक में कोई इंप्रूवमेंट नहीं हुआ है.

यहां 18 साल के उम्र से लेकर हर कोई नौकरी करने के लिए तैयार हैं. लड़कियां नौकरी के लिए ज्यादा इच्छुक हैं. लेकिन पिछले 10 सालों में जॉब मार्केट में कोई प्रगति नहीं हुई है, बल्कि डाउन ही हुआ है.
श्वेता गोयल, अहमदाबाद

श्वेता का कहना है कि कोई भी बड़ी कंपनी यहां नहीं आना चाहती है. यहां नौकरी नहीं है. इस वजह से अच्छे पढ़े-लिखे डिग्री लिए हुए लोग आज खाली हैं.

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25 सालों से बीजेपी गुजरात को लूटती आई है: किसान

30 साल के पाटीदार हितेश खोखरिया गुजरात के रोजकोट में वोट डालते हैं. उनका कहना है कि वो इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देंगे, क्योंकि पिछले दो दशक से बीजेपी गुजरात को लूटती आई है.

पाटीदार लोगों के साथ अन्याय हुआ है. 25 सालों से बीजेपी सरकार लूटती आई है. मूंगफली आज कोई 600 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल में लेने के तैयार नहीं है. वहीं कांग्रेस की सरकार में कपास का भाव 1400 रुपये था. अभी कोई 800 में लेने के तैयार नहीं है.
हितेश खोखरिया, राजकोट
पब्लिक समझ गई है. अब पब्लिक वोट कांग्रेस को ही वोट डालने वाली है. गुजरात में कांग्रेस की सरकार ही बनेगी.
हितेश खोखरिया, राजकोट
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नोटबंदी और जीएसटी से छोटे व्यापारी को बहुत तकलीफ है: हीरा व्यापारी

50 साल के रमेश सुखाड़िया गुजरात में हीरा का व्यापार करते हैं. रमेश का कहना है नोटबंदी और जीएसटी से बड़े व्यापारियों को कोई नुकसान नहीं हुआ, बल्कि छोटे व्यापारी सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है.

एक तो हमे हीरा महंगा पड़ता है, दूसरा फिर बिकती भी नहीं है. हम छोटे व्यापारियों को बीजेपी से बहुत शिकायत है. वो हमारी बात भी नहीं सुनते हैं.
रमेश सुखाड़िया, अमरेली
जो भी पार्टी सत्ता में होगी, उससे हम आशा रखेंगे. जब कांग्रेस आएगी, तो उससे भी उम्मीद रखेंगे. अगर वो भी नहीं सुनेगी, तो तो उसके भी खिलाफ बोलेंग.
रमेश सुखाड़िया, अमरेली
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जीएसटी का मेरे सेक्टर पर बहुत असर हुआ: मार्केटिंग प्रोफेशनल

47 साल की तिरुपति गज्जर पिछले 15 सालों से गुजरात के अहमदाबाद में मार्केटिंग सेक्टर में काम करती हैं. वो मेडिकल सेक्टर में मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं. उनके मुताबिक, जीएसटी की वजह से उनका पेमेंट सिस्टम बिगड़ गया है.

नोटबंदी से हमे बहुत प्रॉब्‍लम हुई. मैं जॉब करूं या लाइन में खड़ी हूं. बच्चों को स्कूल भी भेजना होता था. उनको संभालो, फिर घर देखो. एक लड़की होकर कितना करूं.
तिरुपति गज्जर, अहमदाबाद
हर साल कई राजनीतिक पार्टी वाले आते हैं. अपना प्रचार करते हैं. कहते हैं कि ये साफ सफाई हो जाएगी, गड्ढे भर जाएंगे. लेकिन सिर्फ बोलते हैं. असल में कुछ नहीं होता है.
तिरुपति गज्जर, अहमदाबाद

गुजरात की आवाज सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

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