पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के पुराने नेताओं और पार्टी का हाल ही में दामन थामने वाले लोगों के बीच तकरार खुलकर सामने आ चुकी है. बीजेपी के टिकट बंटवारे को लेकर रविवार को पश्चिम बंगाल में कई जगह विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ देखने को मिली.
बता दें कि बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में तीसरे और चौथे चरण के तहत 75 सीटों पर होने वाले मतदान के मद्देनजर रविवार को 63 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. राज्य में आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं.
उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि बाबुल सुप्रियो टॉलीगंज से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, जबकि बंगाली अभिनेत्री और हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी को पार्टी ने उनके ही संसदीय क्षेत्र की चुंचुड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होते ही राज्य के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए. सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को अलीपुरद्वार सीट से उम्मीदवार बनाने और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा छोड़कर बीजेपी में आए बिशाल लामा को कालचिनी से उतारने का उत्तर बंगाल में विरोध शुरू हो गया और स्थानीय नेता सड़कों पर उतर आए.
हुगली जिले में, तृणमूल से बीजेपी में शामिल हुए रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने भारी नाराजगी जताई और तोड़फोड़ की.
श्यामपुर से तनुश्री चक्रवर्ती को टिकट दिया गया है, जो हाल में बीजेपी में आई हैं. वहीं, हावड़ा जिले के पंचला सीट से मोहितलाल घाटी को टिकट मिलने पर नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की. कई जिला स्तरीय नेताओं ने भी टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस छोड़कर हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए सोवन चट्टोपाध्याय और उनके साथ बैसाखी बंदोपाध्याय ने टिकट न मिलने पर भगवा पार्टी छोड़ दी. चट्टोपाध्याय कई दशकों से बेहाला पूर्व सीट का प्रतिधित्व करते आ रहे हैं, यहां से पायल सरकार को टिकट दे दिया गया, जो हाल में पार्टी में शामिल हुई हैं. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को भेजे इस्तीफे में चट्टोपाध्याय ने बीजेपी पर अपमानित करने का आरोप लगाया.
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